हरिद्वार/ देहरादून : मुख्यमंत्री धामी ने अपने बड़े बेटे का हरिद्वार के पवित्र गंगा तट पर यज्ञोपवीत संस्कार संपन्न कराया। सीएम के साथ उनकी पत्नी सहित परिवार के अन्य लोग भी मौजूद रहे। इस दौरान सीएम ने अपने तीर्थ पुरोहित के पास अपनी बही वंशावली में नाम लिखवाया। हिंदू धर्म में कुल 16 संस्कार हैं जिनमें से यज्ञोपवीत संस्कार विशेष महत्व रखता है।
इसे उपनयन संस्कार भी कहते हैं। यह एक धागा नहीं है बल्कि इसके साथ विशेष मान्यताएं भी जुड़ी हैं। जनेऊ धारण करने के बाद व्यक्ति को अपने जीवन में नियमों का पालन करना पड़ता है। उसे अपनी दैनिक जीवन के कार्यों को भी जनेऊ को ध्यान में रखते हुए ही करना होता है।
आपको बता दें कि बालक की 8 वर्ष की आयु होने पर यज्ञोपवीत संस्कार कराया जा सकता है, लेकिन आज के समय में बदली जीवनशैली के कारण बचपन में यज्ञोपवीत संस्कार नहीं कराया जाता है। अब विवाह के दौरान यज्ञोपवीत संस्कार करने का चलन है। सनातन धर्म में आज भी बिना जनेऊ संस्कार के विवाह पूर्ण नहीं माना जाता है।