लखनऊ। प्रदेश के मान्यता प्राप्त, अनुदानित व गैर अनुदानित मदरसों में नए शिक्षण सत्र से कक्षाएं शुरू होने से पहले विद्यार्थियों को राष्ट्रगान गाना होगा। इसे अन्य दुआओं के साथ अनिवार्य कर दिया गया है। इतना ही नहीं, मदरसों की शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए टीईटी की तर्ज पर शिक्षकों की भर्ती के लिए मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एमटीईटी) भी शुरू किया जाएगा। ये निर्णय बृहस्पतिवार को मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए।
डॉ. जावेद ने बताया कि बोर्ड के रजिस्ट्रार जल्द ही शासन को एमटीईटी के बाबत प्रस्ताव भेजेंगे। उन्होंने बताया कि मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के बच्चे किन संस्थानों से शिक्षा हासिल कर रहे हैं, इसका सर्वे कराने पर भी सहमति बनी है। बैठक में बोर्ड के सदस्य कमर अली, तनवीर रिजवी, डॉ. इमरान अहमद, असद हुसैन, अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय में लेखाधिकारी आशीष आनंद और बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडेय मौजूद रहे।
डॉ. जावेद ने बताया कि मदरसों में विद्यार्थियों की घटती संख्या को देखते हुए अनुदानित मदरसों में शिक्षक और विद्यार्थी अनुपात की जांच कराने का निर्णय लिया गया है। छात्रों के अनुपात से ज्यादा शिक्षक होने पर शिक्षकों को समायोजित किया जाएगा। इसके अलावा मदरसों बायोमीट्रिक हाजिरी सिस्टम लागू करने का भी निर्णय लिया गया है।
परिषद के चेयरमैन ने बताया कि मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं 14 से 27 मई के बीच कराई जाएंगी। बेसिक शिक्षा परिषद की तर्ज पर कक्षा एक से आठ तक के पाठ्यक्रम दीनियात के विषयों के अलावा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय के प्रश्न पत्र परीक्षा में शामिल होंगे।