आजकल के खराब वातावरण में बच्चों को अधिक देखभाल की जरूरत होती है। नवजात बच्चों से लेकर 3 साल तक के बच्चों में काफी जल्दी-जल्दी बदलाव होते हैं। क्योंकि यही वह समय भी होता है, जब बच्चों को इंफेक्शन, एलर्जी और स्किन संबंधी समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है। कई बार शिशुओं के चेहरे पर सफेद दाग हो जाते हैं। इनको ठीक करने के लिए माता-पिता कई घरेलू तरीके आजमाते हैं।
आपको बता दें कि इन सफेद दागों को एटोपिक डर्मेटाइटिस कहा जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इन सफेद दागों के होने का कारण और इसके बचाव के बारे में बताने जा रहे हैं। इन तरीकों को आजमाकर आप भी अपने बच्चे को इस समस्या से दूर रख सकते हैं। छोटे बच्चों के फेस पर होने वाले सफेद दाग को एटोपिक डर्मेटाइटिस या एक्जिमा कहा जाता है। आजकल के बच्चों में यह समस्या अधिक देखी जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक नीचे बताए गए कारणों से बच्चों के सफेद दाग की समस्याएं हो जाती हैं।
जिन शिशुओं की स्किन ड्राई अधिक होती है तो उनमें एटोपिक डर्मेटाइटिस की समस्या अधिक देखी जाती है। कई बार बच्चे एटोपिक डर्मेटाइटिस की समस्या होने की वजह स्किन को अधिक खुजलाते हैं। हांलाकि अधिकतर पेरेंट्स यह समस्या नहीं समझ पाते हैं। कई बार मौसम में बदलाव होने के कारण भी बच्चों में यह समस्या देखी जाती है। सर्दियों के मौसम में इसका खतरा अधिक बढ़ जाता है।
इसके अलावा धूप और धूल के कारण भी बच्चों में एटोपिक डर्मेटाइटिस की समस्या हो सकती है। वहीं साबुन से भी कई बार बच्चों को चाइल्ड एक्जिमा की समस्या हो सकती है। नवजात बच्चों और छोटे बच्चों की त्वचा काफी सेंसिटिव होती है। ऐसे में उनको धूल और धुएं आदि से दूर रखना चाहिए। इस समस्या से बचने के लिए बच्चों की त्वचा पर अच्छे केमिकल फ्री मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान दें कि कहीं बच्चे की त्वचा रूखी तो नहीं हो रही है।
अगर बच्चे की त्वचा पर सफेद दाग दिख रहे हैं, तो उसका साबुन बदलें। इसके अलावा बच्चे को परफ्यूम से दूर रखना चाहिए। क्योंकि इसमें इस्तेमाल होने वाले केमिकल से बच्चे की त्वचा खराब हो सकती है। सफेद दाग की समस्या होने पर पीडियाट्रिशियन या स्किन स्पेशलिस्ट की सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर के बताए मुताबिक आप स्किन क्रीम या सीरम की मदद से बच्चे की त्वचा को हेल्दी रख सकते हैं।