कानपुर। कानपुर आईआईटी में गुरुवार को केमिकल इंजीनियर प्रियंका जायसवाल (29) ने फंदा लगाकर जान दे दी। हॉस्टल के कमरे में शव पंखे से लटका मिला। प्रियंका ने केमिकल इंजीनियरिंग से पीएचडी करने के लिए 29 दिसंबर को ही प्रवेश लिया था। पुलिस ने मोबाइल फोन कब्जे में लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
आईआईटी में एक माह के भीतर यह तीसरी आत्महत्या है। 19 दिसंबर को जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग में शोध स्टाफ सदस्य डॉ. पल्लवी और 10 जनवरी को मेरठ निवासी एमटेक सेकेंड ईयर के छात्र विकास मीणा ने आत्महत्या की थी। प्रियंका मूलरूप से झारखंड के दुमका जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के रनबहियार गांव की रहने वाली थी।
करीब 20 साल पहले पूरा परिवार धनबाद शिफ्ट हो गया था। प्रियंका के पिता नरेंद्र जायसवाल बीआईटी सिंदरी में तैनात हैं। एसीपी कल्याणपुर अभिषेक कुमार पांडेय ने बताया कि प्रियंका ने केमिकल इंजीरियरिंग से पीएचडी करने के लिए दाखिला लिया था। वह हॉल नंबर चार के कमरा नंबर 312 में अकेले रहती थी।
चार जनवरी से क्लास अटेंड कर रही थी। बुधवार शाम करीब सात बजे पिता नरेंद्र जायसवाल और मां से फोन पर बात की थी। गुरुवार सुबह पिता नरेंद्र ने कई बार फोन किया, लेकिन मोबाइल फोन नहीं उठा। इसके बाद नरेंद्र ने हाॅस्टल की मैनेजर रितु पांडेय को जानकारी दी। रितु, प्रियंका के रूम पहुंचीं, तो दरवाजा अंदर से बंद था।
खिड़की से झांककर देखा तो शव पंखे के सहारे लटकता मिला। उन्होंने आईआईटी प्रशासन और पुलिस को सूचना दी। डीसीपी पश्चिम विजय ढुल, एडीसीपी आकाश पटेल, एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय पहुंचे और दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकाला। फोरेंसिक टीम ने भी साक्ष्य इकट्ठा किए। डीसीपी ने बताया कि छात्रा की मौत की सूचना पर परिजन झारखंड से कानपुर के लिए रवाना हो गए हैं। उनके आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
केमिकल इंजीनियरिंग से पीएचडी करने आई छात्रा प्रियंका जायसवाल ने सुसाइड के लिए पहले से तैयारी कर रही थी या किसी क्षणिक आवेश में यह कदम उठाया। पुलिस ये गुत्थी सुलझाने में लगी हुई है। पुलिस की जांच में पता चला कि प्रियंका ने हाल ही में एक ऑन लाइन मार्केटिंग कंपनी (एमाजॉन) से दो रस्सियां आर्डर करके मंगाया था। ये रस्सियां कपड़े डालने के लिए मंगाई थी सुसाइड के लिए ये जांच का विषय बना हुआ है। मामले की जांच में जुटे इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय ने बताया कि छात्रा के पिता से फोन पर संपर्क कर सुसाइड की वजह पता करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह रो पड़े। इसके चलते बात नहीं हो सकी। शुक्रवार को परिजनों के आने के बाद सुसाइड की असल वजह पता चलने की उम्मीद है।
पुलिस के अनुसार प्रियंका दो बहनों में बड़ी थी। प्रियंका तमिलनाडु आईआईटी से एमटेक किया था। गेट में अच्छी रैंकिंग होने पर उसको कानपुर आईआईटी में दाखिला मिला था। इससे साफ पता चलता है कि प्रियंका पढ़ने में ब्रिलिएंट थी। सहपाठियों ने पूछताछ में बताया कि हाल ही में प्रियंका का एडमिशन हुआ था। वह अन्य छात्रों से मिक्स नहीं हुई थी। ऐसे में सहपाठियों का कहना था कि वह अवसाद में थी या नहीं यह भी नहीं बता सकते। वहीं हाल ही में अभी क्लास शुरू हुआ था। पढ़ाई का दवाब भी नहीं कहा जा सकता।
एसीपी ने बताया कि दरवाजा तोड़ने के बाद पुलिस टीम जब भीतर दाखिल हुई तोे प्रियंका शव फंदे से लटक रहा था। वहीं टेबल बेड के नीचे गिरा पड़ा था। ऐसे में साफ है कि प्रियंका ने फंदे से लटकने के लिए टेबल का सहारा लिया था। कमरे में बेड के अलावा एक टेबल, रजाई गददे, एक बैग और कुछ कॉपी किताब ही थे। फोरेंसिक टीम ने पूरे कमरे को खंगाला, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।
छात्रा के मोबाइल को कब्जे में लेकर जांच की जा रही है। इसके साथ ही छात्रा के सोशल मीडिया प्लेटफार्म, इंस्टाग्राम, फेसबुक, एक्स समेत अन्य साइट खंगाले जा रहे है।
-अभिषेक कुमार पांडेय, एसीपी कल्याणपुर
पांच साल में आठ लोगों ने की खुदकुशी
- 19 अप्रैल 2018 : फिरोजाबाद निवासी पीएचडी छात्र भीम सिंह ने फंदा लगाकर जान दी।
- 30 दिसंबर 2019 : सिक्योरिटी गार्ड आलोक श्रीवास्तव ने फंदे से लटककर जान दी।
- नौ जुलाई 2020 : कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर प्रमोद सुब्रमण्यन ने आत्महत्या की।
- 12 मई 2021 : असिस्टेंट रजिस्ट्रार सुरजीत दास ने फंदे से लटक कर जान दे दी।
- सात दिसंबर 2022 : वाराणसी निवासी पीएचडी छात्र प्रशांत सिंह ने फंदे से लटककर जान दी।
- 19 दिसंबर 2023 : जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग में शोध स्टाफ सदस्य डॉ पल्लवी ने जान दी।
- 10 जनवरी 2024 : मेरठ निवासी एमटेक सेकेंड इयर के छात्र विकास मीणा ने सुसाइड नोट लिखकर जान दी।
- 18 जनवरी 2024 : झारखंड के दुमका निवासी शोध छात्रा प्रियंका ने फंदा लगाकर दी जान।