देहरादून। उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल अब अगले साल होंगे। भारतीय ओलंपिक संघ चाहता है कि खेलों में बड़े खिलाड़ी शामिल हों इसके लिए इन खेलों को अगले साल वर्ष 2025 में कराया जाए। विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा ने भी इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि भारतीय ओलंपिक संघ ने मौखिक रूप से इसकी जानकारी दी है।
उत्तराखंड 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए पूरी तरह से तैयार है। विभाग की ओर से पिछले काफी समय से इसकी तैयारी की जा रही है। पिछले साल नवंबर 2023 में गोवा में हुए 37वें राष्ट्रीय खेलों के समापन पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए उत्तराखंड को भारतीय ओलंपिक संघ का ध्वज सौंप चुकी हैं। जिसे राष्ट्रीय खेल सचिवालय में रखा गया है लेकिन इस साल 26 जुलाई से 11 अगस्त तक पेरिस ओलंपिक होने हैं। खेल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों को लेकर नियम है कि ये हर दो साल में आयोजित होंगे। जिस साल ओलंपिक या एशियन खेल होंगे उस साल राष्ट्रीय खेल नहीं होंगे लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह व्यवस्था गड़बड़ाई है।
गुवाहाटी में 2002 में जो राष्ट्रीय खेल होने थे, वे 2007 में हुए। 2004 में झारखंड में होने वाले राष्ट्रीय खेल वर्ष 2011 में हुए जबकि 2006 में केरल में जो राष्ट्रीय खेल होने थे वे 2015 में हुए थे। उत्तराखंड को भी राष्ट्रीय खेलों का आवंटन 2014 में वर्ष 2018 के लिए हुआ था। तब निर्णय लिया गया था कि देहरादून और हल्द्वानी में केरल की तर्ज पर प्रीफेब्रिकेटेड खेल गांव का निर्माण किया जाएगा। इसका उपयोग राष्ट्रीय खेलों के अलावा आपदा राहत, पुलिस व्यवस्था आदि के लिए भी किया जा सकेगा लेकिन उत्तराखंड में विभिन्न कारणों से राष्ट्रीय खेल टलते रहे हैं।
उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए भारतीय ओलंपिक संघ का ध्वज मिलने और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय खेलों के लिए हाईपावर कमेटी गठित होने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि इस साल अक्तूबर के तीसरे सप्ताह से नवंबर के दूसरे सप्ताह के बीच राष्ट्रीय खेल शुरू होंगे। विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा के मुताबिक विभाग राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार है। विभाग की ओर से राष्ट्रीय खेलों की तिथि तय करने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ को पत्र लिखा गया है। कहा गया है कि इसके लिए दो नवंबर की तिथि तय कर दी जाए, लेकिन दो महीने बाद भी भारतीय ओलंपिक संघ से लिखित में कुछ नहीं आया। आईओए की ओर से अब मौखिक रूप से कहा गया है कि इस साल राष्ट्रीय खेल नहीं होंगे।