
देहरादून : पशुधन प्रसार अधिकारी प्रशिक्षणरत बैच 2024-26 के प्रशिक्षुओं ने हाल ही में पशुपालन मंत्री से मुलाकात कर राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया। इस निर्णय के तहत पशुधन प्रसार अधिकारी के प्रशिक्षण की अवधि को दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष कर दिया गया है। प्रशिक्षुओं ने इसे सरकार का दूरदर्शी कदम बताते हुए कहा कि इससे जहां पशुपालन विभाग में रिक्त पदों की भरपाई जल्द हो सकेगी, वहीं राज्य की पशुपालन नीतियों को भी धरातल पर लागू करने में मदद मिलेगी।
प्रशिक्षु प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से आग्रह किया कि प्रशिक्षण अवधि में किए गए इस संशोधन को वर्तमान प्रशिक्षणरत बैच 2024-26 पर भी लागू किया जाए, जिससे उन्हें भी एक वर्ष में ही प्रशिक्षण पूर्ण कर सेवा में योगदान का अवसर मिल सके। प्रशिक्षुओं का कहना था कि वर्तमान में पशुधन प्रसार अधिकारी के आधे से अधिक पद रिक्त हैं, जिसकी वजह से सरकार की योजनाएं और नीतियां पशुपालकों तक समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं। इस स्थिति का सीधा असर ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं की प्राथमिक चिकित्सा, टीकाकरण और अन्य उपचार सुविधाओं पर पड़ रहा है।
मंत्री ने प्रशिक्षुओं की बात को गंभीरता से सुनते हुए सकारात्मक आश्वासन दिया कि वह इस विषय पर विभागीय स्तर पर विचार कर उचित निर्णय लेंगे। प्रशिक्षुओं ने इस अवसर पर राज्य में पशुपालन को मजबूती देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और विश्वास जताया कि यदि उन्हें जल्द सेवा में शामिल होने का अवसर मिलता है, तो वे राज्य में पशुपालकों को बेहतर सेवाएं देने में अपनी पूर्ण निष्ठा से योगदान देंगे।
प्रशिक्षुओं ने यह भी बताया कि यदि प्रशिक्षण अवधि को वर्तमान बैच पर भी लागू किया जाता है, तो इससे न केवल पद रिक्तियों की भरपाई होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। प्रशिक्षुओं का कहना था कि जब तक गांवों में पशुओं को समय पर चिकित्सकीय सेवाएं नहीं मिलेंगी, तब तक पशुपालन लाभकारी व्यवसाय नहीं बन सकेगा। यह भी स्पष्ट किया गया कि पशुधन प्रसार अधिकारियों की नियुक्ति से पलायन की विकराल समस्या पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है, क्योंकि पशुपालन एक स्थायी रोजगार का माध्यम बन सकता है।
इस प्रतिनिधिमंडल में प्रशिक्षणरत बैच 2024-26 के पवन, विराट, सागर, अमित, आदित्य टम्टा, सत्यदेव, दीप्ति, अभिषेक, नीलम, भूमिका, दीपिका, प्रांजलि, अभिषेक, राजेश, बिकेंद्र, निर्मला, प्रिया, मुकुल सहित कई अन्य प्रशिक्षु शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए अपील की कि वह वर्तमान बैच के साथ भी समान न्याय करें और उन्हें शीघ्र सेवा में योगदान का अवसर प्रदान करें, जिससे राज्य में पशुपालन क्षेत्र को नई गति मिल सके।