
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तरीय अपीलीय अधिकरण के पीठासीन अधिकारी जिला मजिस्ट्रेट हैं, इसलिए उन पर इस कानून को सख्ती से अमल में लाते हुए, वरिष्ठ नागरिकों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी है। साथ ही तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी भरण पोषण संबंधित अधिकरण के पीठासीन अधिकारी और जिला समाज कल्याण अधिकारी (DSWO) पदेन भरण-पोषण अधिकारी के रूप में जिम्मेदार बनाए गए हैं।
संपत्ति हस्तांतरण में सुरक्षा प्रावधान
कानून के तहत यदि कोई वरिष्ठ नागरिक देखभाल की शर्त पर संपत्ति हस्तांतरित करता है, लेकिन इसके बाद तय शर्तें पूरी नहीं होतीं, तो अधिकरण उस हस्तांतरण को अमान्य घोषित करते हुए, संपत्ति की वापसी सुनिश्चित कर सकता है।
वरिष्ठ नागरिकों को उपलब्ध कराई जा रही सेवाएं
बागेश्वर, चमोली एवं उत्तरकाशी जिलों में निशुल्क वृद्ध एवं निशक्तजन आवास गृह संचालित किए जा रहे हैं। जहां कई जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिक निवासरत हैं।
राज्य में वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद का गठन करते हुए श्री रामचंद्र गौड़ को अध्यक्ष, तथा श्रीमती शांति मेहरा, श्री नवीन वर्मा, और श्री हरक सिंह नेगी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
उत्तराखंड सरकार अपने वरिष्ठ नागरिकों के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। वरिष्ठ नागरिकों से विनम्र अपील है कि यदि आप जीवन-यापन हेतु उपेक्षित महसूस करते हैं, तो अविलंब अपने नजदीकी भरण-पोषण अधिकरण (Maintenance Tribunal) अथवा जिला समाज कल्याण अधिकारी (DSWO) से संपर्क करें।