देहरादून/बिलासपुर। किरतपुर-नेरचौक फोरलेन कई दुश्वारियों के साथ रविवार को शुरू हो गया। हालांकि फोरलेन की सुविधा मिलने और पुराने तीखी चढ़ाई और उतराई वाले राष्ट्रीय राजमार्ग से छुटकारा मिलने से वाहन चालक खुश नजर आए। पहली बार बड़ी संख्या में वाहन गुजरने से फोरलेन की 1800 मीटर लंबी कैंचीमोड़ सुरंग धूल से भर गई। धूल इतनी ज्यादा थी कि सुरंग में लगाए एग्जॉस्ट फैन भी नाकाम नजर आए। सुरंग में विजिबिलिटी काफी कम थी।
इससे चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। दरअसल इस सुरंग के समानांतर एक और सुरंग बनाई जा रही है। निर्माण में लगी गाड़ियों के टायरों के साथ फोरलेन पर मिट्टी आ रही है। यही मिट्टी अन्य वाहनों के साथ मुख्य सुरंग में जा रही है। वहीं कैंचीमोड़ सुरंग से थापना सुरंग के बीचे करीब एक किलोमीटर के हिस्से पर यातायात दो लेन पर ही चल रहा है। थापना के पास भूस्खलन रोकने के लिए किए जा रहे काम के चलते दूसरी लेन को बंद किया है।
यहां पहाड़ी की सीधी कटिंग के कारण पत्थर फोरलेन पर गिर रहे हैं। इसके अलावा समलेटू के पास डंगा लगाने, जकातखाना में रेल ओवरब्रिज का काम चल रहा हैं। इसके चलते भी फोरलेन पर वाहनों की रफ्तार इन जगहों पर धीमी रही। रविवार सुबह 8 बजे से पहले ही फोरलेन से गुजरने वाले वाहनों का जमावड़ा कैंचीमोड़ सुरंग के बाहर लगना शुरू हो गया। पूर्व निर्धारित समय पर सुरंग को खोला गया।
इसके साथ ही पंजाब-हिमाचल सीमा पर स्थित मोड़ा और मंडी-बिलासपुर सीमा स्थित बलोह टोल प्लाजा भी शुरू हो गए। मोड़ा टोल प्लाजा पर पहले दिन अव्यवस्था भी देखने मिली। वाहनों को काफी देर तक इस टोल पर बारी का इंतजार करना पड़ा। वहीं मोड़ा टोल प्लाजा पर निर्धारित की भारी भरकम फीस से कई वाहन चालकों ने नाराजगी जाहिर की।