देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड शांति, योग और पर्यटन के साथ ही निवेश का डेस्टिनेशन बन रहा है। प्रदेश में उद्योगों और निवेश के लिए अनुकूल माहौल होने से देश दुनिया के निवेशक उत्तराखंड में उद्योग लगाने को लेकर उत्साहित हैं। निवेश को लेकर हमसे ज्यादा कई बड़े निवेशक उत्तराखंड के बारे में सोच रहे हैं। निवेशक सम्मेलन के लिए तय 2.50 लाख करोड़ के लक्ष्य से अधिक निवेश आने की उम्मीद है।
शनिवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में मुख्यमंत्री ने 8 व 9 दिसंबर को प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन के प्रतीक चिन्ह (लोगो) और वेबसाइट का शुभारंभ किया। कहा, निवेशक सम्मेलन किसी एक विभाग का नहीं है। यह पूरे राज्य का सम्मेलन है। राज्य के विकास और रोजगार के लिए निवेशक सम्मेलन राज्य के लिए एक अवसर है।
सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में सुधार भी किए हैं। साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों के लिए 27 नीतियों को भी लागू किया है। सरकार ने आने वाले पांच वर्षोंं में जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इसे हासिल करने के लिए क्षेत्रवार निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
वर्ष 2018 में हुए निवेशक सम्मेलन के अनुभवों से सीख लेकर इस बार मजबूत रणनीति बनाई जा रही है। सम्मेलन से पहले सरकार ने 25 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा है। इसमें 16 हजार करोड़ के निवेश की ग्राउंडिंग की कार्रवाई शुरू हो गई है।
निवेशक सम्मेलन के लिए सरकार उद्योग जगत और प्रमुख औद्योगिक संगठनों से लगातार संपर्क कर सुझाव ले रही है। इसी क्रम में 17 अगस्त को देहरादून और 21 अगस्त को दिल्ली में प्रमुख उद्योगपतियों से संवाद किया गया। उद्योग जगत से मिल रहे सुझावों को बहुत ही प्रमुखता से लिया गया है। उसी आधार पर औद्योगिक नीतियों में सुधार किया गया।
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में सदियों से लोग शांति के लिए आते रहे हैं। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक राज्य में आ रहे हैं। अब उत्तराखंड निवेश का डेस्टीनेशन बन रहा है। यहां के प्राकृतिक वातावरण, प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम, निवेश अनुकूल नीतियों, राष्ट्रीय राजधानी से निकटता, अवस्थापना विकास से राज्य निवेश केंद्र बन रहा है। इज आफ डूईंग बिजनेस में राज्य एचीवर्स श्रेणी में है। नीति आयोग की निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखंड हिमालयी राज्यों प्रथम स्थान और देश में 9वें स्थान पर है।
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने कहा कि राज्य की जीडीपी में 40 प्रतिशत योगदान सर्विस सेक्टर का है। राज्य में सर्विस सेक्टर में निवेश की काफी संभावनाएं है। इसे देखते पर्यटन, योग, वैलनेस, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और बागवानी पर सरकार का फोकस है। प्रदेश में बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने के लिए निवेश महत्वपूर्ण है।
सरकार राज्य के नागरिकों की लाइफ स्टाइल में सुधार करने का प्रयास कर रही है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भी सम्मेलन की तैयारियों की जानकारी दी। इस मौके पर विधायक दुर्गेश्वर लाल, सचिव शैलेश बगोली, सचिव उद्योग विनय शंकर पांडे, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी मौजूद थे।
निवेशक सम्मेलन का प्रतीक चिन्ह डेस्टीनेशन उत्तराखंड है। जिसमें दो पर्वत श्रृंखलाएं निरंतरता के साथ प्रगति के परिचायक तीर का सृजन करता है, जो न केवल असीमित प्रगति का प्रतीक है, बल्कि विकास और सतत विकास की निरंतरता का द्योतक है। दोनों पर्वत श्रृंखलाएं दो महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रदर्शित करती है। राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता और कुशल श्रम शक्ति की अनवरत श्रृंखला। लोगो में हरा रंग राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और प्रकृति के साथ सामंजस्य का प्रतीक है। नीला रंग अवसरों, आकांक्षाओं और नये विचारों के लिए असीमित अवसरों का प्रतिनिधित्व करता है।
निवेशक सम्मेलन के लिए https//investuttarakhand.uk.gov.in/investorsummit वेबसाइट बनाई गई है। जिसमें सरकार की अलग-अलग क्षेत्रों की नीतियां और निवेश के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की जानकारी मिलेगी। इसके अलावा निवेशकों को उद्योग स्थापित करने को सभी तरह की स्वीकृति लेने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल www.investuttarakhand.uk.gov.in बनाई गई है।