बांदा। बांदा जिले में खेत में बने ट्यूबवेल के बाहर छप्पर डालकर सो रहे 70 वर्षीय किसान की लाठियों से पीटकर हत्या कर दी गई। सूचना पर कालिंजर थाना पुलिस समेत एएसपी और सीओ ने मौका मुआयना किया। बेटे ने एक युवक के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। कालिंजर थाना क्षेत्र के छतैनी गांव निवासी किसान रघुनंदन (70) अपने खेत में बने ट्यूबवेल के बोर वाले कमरे के बाहर छप्पर डालकर चारपाई में सो रहे थे।
बुधवार की रात किसी ने लाठियों से पीटकर हत्या कर दी। गुरुवार सुबह रघुनंदन के दामाद राममिलन सबसे पहले खेत पहुंचे और शव देखकर पुलिस व परिजनों को सूचना दी। मौके पर एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्र व सीओ नरैनी अंबुजा त्रिवेदी भी पहुंची। डॉग स्क्वायड व फोरेंसिक टीम से जांच कराई गई। डॉग स्क्वायड घटना से करीब 500 मीटर की दूरी पर यादवों के पुरवा में एक मकान के पास से टहल कर वापस लौटा। पुलिस को आशंका है कि आरोपी इसी तरफ आए होंगे।
इसके आधार पर रघुनंदन के छोटे पुत्र सुशील ने यादव का पुरवा निवासी लवलेश यादव के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। हत्या की वजह रंजिश को बताया है, लेकिन यह नहीं बता सका कि किस तरह की रंजिश थी। मृतक किसान रघुनंदन के मझले पुत्र दिव्यांग सुरेंद्र पाल ने बताया कि रात साढ़े आठ बजे उसकी मां सुशीला पिता को खाना देने गई थी।
तब तक सब ठीक था। कालिंजर इंस्पेक्टर ऋषिदेव सिंह का कहना है कि शराब के नशे में आरोपी ने घटना को अंजाम दिया जाना प्रतीत हो रहा है। आरोपी करीब दो साल पहले गांव में हुई एक हत्या में नामजद हुआ था। फिलहाल रंजिश किस बात की थी यह अभी पता नहीं चल सका है। पुलिस को घटनास्थल पर खून से सनी एक टूटी लाठी और दूसरी समूची लाठी मिली है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्यारे एक नहीं बल्कि दो थे। उनका इरादा ही रघुनंदन को जान से मारना था। तभी तो इस कदर उस पर लाठियां बरसाई कि एक लाठी टूट ही गई।
पुलिस नशेबाजी का भी विवाद मान रही है। वहीं, जबकि दूसरी लाठी पर भी खून लगा मिला। रघुनंदन की चारपाई भी चकनाचूर हो गई। शव के पास ही शराब की बोतल भी मिली है। लिहाजा पुलिस नशेबाजी का भी विवाद मान रही है। रघुनंदन के तीन पुत्र और चार पुत्रियां हैं। बड़ा पुत्र रामबरन अपनी पत्नी वंदना के साथ गाजियाबाद में रहकर मजदूरी करता है।
घर में दो पुत्र दिव्यांग सुरेंद्र पाल व सुशील हैं। पत्नी सुशीला भी रहतीं हैं। मझले पुत्र सुरेंद्र पाल ने बताया कि उनके पिता के पास 40 बीघा जमीन है। इसमें छह बीघा जमीन मां के नाम है। एक मकान गांव के अंदर है और दूसरा मकान घर से 100 मीटर की दूरी पर खेत के पास प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनवाया था।
खेत में ट्यूबवेल भी बना है। उसी ट्यूबवेल के बाहर छप्पर डालकर रघुनंदन रहता था। पुत्र ने यह भी बताया कि अभी 25 दिन पहले कॉलोनी बनवाने के लिए 40 हजार रुपये की किश्त भी उन्हें मिली थी। हो सकता हैं कि इन रुपयों को लेकर भी कोई विवाद रहा हो।