
रुड़की। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से जारी आईडीपी (इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट) से शहर और आसपास रहने वाले भारतीयों ने एशिया के अन्य देशों में गाड़ियों का स्टेयरिंग थामकर अपने सपने पूरे किए हैं। कार्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार साल में 210 युवाओं को यह परमिट दिया गया है। बहरीन, मलयेशिया, कुवैत, अजरबैजान, लेबनान, मालदीव और अन्य देशों में बड़ी संख्या में युवा काम की तलाश में जाते हैं। इन देशों में सबसे ज्यादा ड्राइवर के लिए नौकरियां निकलती हैं। ऐसे में स्थानीय युवा ड्राइविंग के जरिए यहां जाना चाहते हैं।
इसके लिए वीजा और आईडीपी दोनों के लिए आवेदन करना पड़ता है। एआरटीओ (प्रशासन) एल्विन रॉक्सी ने बताया कि 2021 से लेकर अब तक 210 रुड़कीवासियों को अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट जारी हो चुके हैं। यह परमिट उन लोगों को मिल रहा है जिनके पास स्थानीय वाहन लाइसेंस है। अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट आपको विदेश में वाहन चलाने की अनुमति प्रदान करता है। यह वह दस्तावेज है जिससे यह साबित हो जाता है कि आपके पास अपने देश का भी लाइसेंस है। इस परमिट से आप विदेश में कार या बाइक चलाने के लिए योग्य हो जाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट के लिए आपको क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में वीजा, पासपोर्ट और टिकट की प्रतिलिपि फॉर्म के साथ जमा कराना अनिवार्य है। आरटीओ से जारी हुए आईडीपी पर एक नजर-
- 2021-18
- 2022-53
- 2023-77
- 2024-55
- 2025-07
नोट: अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट के यह आंकड़े क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से लिए गए हैं।