
उत्तराखंड। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा आर्यन हेली एविएशन कंपनी का एक हेलिकॉप्टर सोमवार सुबह गौरी माई खर्क के जंगल क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में पायलट सहित सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
कैसे हुआ हादसा?
सुबह 5:21 बजे हेलिकॉप्टर केदारनाथ से छह यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी के लिए रवाना हुआ। लगभग 5:25 बजे यह हेलिकॉप्टर गौरीकुंड से पांच किलोमीटर ऊपर घने जंगल वाले इलाके में पहुंचा, जहां कोहरा घना हो गया। विजिबिलिटी शून्य हो जाने के कारण हेलिकॉप्टर एक ऊंचे पेड़ से टकराकर गिर गया और उसमें आग लग गई।
चश्मदीदों का बयान
घटनास्थल के पास मौजूद नेपाली मूल की दो बहनों ने बताया कि कोहरा अचानक छा गया और हेलिकॉप्टर हवा में थोड़ा मुड़कर पीछे की ओर गया, फिर नीचे आता हुआ पेड़ से टकराया और आग की लपटों में घिर गया।
मृतकों की सूची
- लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान (पायलट) – जयपुर
- राजकुमार सुरेश जायसवाल (41) – महाराष्ट्र
- श्रद्धा सुरेश जायसवाल (35) – महाराष्ट्र
- काशी (23 महीने) – महाराष्ट्र
- विक्रम सिंह रावत (46) – रुद्रप्रयाग
- विनोद देवी (66) – बिजनौर, यूपी
- तुष्टि सिंह (19) – बिजनौर, यूपी
कंपनी पर कार्रवाई
आर्यन हेली एविएशन के दो मैनेजरों – विकास तोमर और कौशिक पाठक – पर आईपीसी और वायुयान अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने निर्धारित स्लॉट से पहले हेलिकॉप्टर उड़ाया और DGCA व UCADA की नियमावली की अनदेखी की।
सरकारी कार्रवाई
- DGCA ने आर्यन एविएशन की चारधाम सेवाएं तत्काल निलंबित कीं।
- अन्य दो हेलिकॉप्टरों के पायलटों के लाइसेंस भी 6 माह के लिए निलंबित।
- राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए और एक नई SOP तैयार करने को कहा है।
मुआवजा
हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को कंपनी की ओर से 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान
“जो भी इस घटना के लिए दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में केवल अनुभवी पायलटों को ही उड़ान की अनुमति दी जाएगी।”
यह हादसा उत्तराखंड की हवाई सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।