
लखनऊ : दिवाली के त्योहार की रौनक भले ही लोगों के चेहरे पर मुस्कान लेकर आई हो, लेकिन इसके बाद राजधानी लखनऊ की हवा पर प्रदूषण का गहरा साया छा गया है। सोमवार की रात शहर में हुई आतिशबाजी के बाद वायु में धुएं और कणों की मात्रा इतनी बढ़ गई कि मंगलवार को लखनऊ का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 246 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। इस स्थिति के कारण शहरवासियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम उत्पन्न हो गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण सांस लेने वाले लोगों के लिए हानिकारक है। इसके प्रभाव के कारण सांस संबंधी परेशानियां, आंखों में जलन, सिरदर्द और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। इस तरह की परिस्थितियों में विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने इस प्रदूषण की मुख्य वजह पटाखों का धुआं, वाहनों का उत्सर्जन और मौसम में ठंड के कारण धुंध का जमाव बताया। उन्होंने कहा कि इन कारकों ने मिलकर शहर की हवा को जहरीला बना दिया है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि अनावश्यक वाहन प्रयोग से बचें और बुजुर्ग या संवेदनशील लोग बाहर निकलते समय मास्क पहनें।
हालांकि दिवाली का त्योहार खुशी और रोशनी का प्रतीक है, लेकिन इस तरह की परिस्थितियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्सव के दौरान पर्यावरण और स्वास्थ्य का ध्यान रखना कितना जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर लोगों ने इन सतर्कता उपायों को अपनाया, तो हानिकारक प्रभावों को कम किया जा सकता है। राजधानी में फिलहाल वायु प्रदूषण की निगरानी जारी है और आमजन से सतर्क रहने की अपील की गई है।