
रुद्रप्रयाग/ देहरादून: उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट बृहस्पतिवार सुबह 8:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक परंपराओं के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इससे पहले बुधवार को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह पंचमुखी डोली को मंदिर के सभामंडप में विराजमान किया गया, जहां पूरे विधि-विधान और विशेष पूजाओं के साथ बाबा केदार की आराधना की गई। कपाट बंद होने की प्रक्रिया तड़के चार बजे विशेष अनुष्ठानों के साथ प्रारंभ होगी। कपाट बंद होने के बाद बाबा की पंचमुखी डोली अपने शीतकालीन प्रवास के लिए प्रस्थान करेगी और रात्रि विश्राम के लिए रामपुर पहुंचेगी।
कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत बुधवार को भंडारगृह से पंचमुखी डोली को केदारसभा के पदाधिकारियों की अगुवाई में मंदिर तक लाया गया। डोली को सभामंडप में विराजमान करने के बाद श्रद्धापूर्वक विशेष पूजा-अर्चना और वैदिक अनुष्ठान संपन्न किए गए। इस अवसर पर केदारसभा के अध्यक्ष पंडित राजकुमार तिवारी, मंत्री पंडित अंकित प्रसाद सेमवाल, धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला, पुजारी बागेश लिंग, आचार्य संजय तिवारी और अखिलेश शुक्ला सहित अन्य श्रद्धालु और स्थानीय अधिकारी उपस्थित रहे।
रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने जानकारी दी कि केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, चिकित्सा सुविधाओं और मौसम से जुड़ी आकस्मिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश संबंधित अधिकारियों को जारी कर दिए गए हैं। जिला प्रशासन और बदरी-केदार मंदिर समिति ने यात्रा के अंतिम दिनों में भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए समुचित इंतज़ाम किए हैं।
इस वर्ष की यात्रा समाप्ति से पूर्व केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही। यात्रा सीजन के दौरान अब तक लगभग 17 लाख 39 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए और पुण्य अर्जित किया। पूरे यात्रा काल में देश-विदेश से आए तीर्थयात्रियों का उत्साह देखते ही बनता था। बुधवार को भी पांच हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे। केदारनाथ में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है और दोपहर बाद घना कोहरा छा जाने के कारण तीर्थयात्रियों ने शाम होते-होते अपने आवासों की शरण ली।
बुधवार को कई विशिष्ट श्रद्धालुओं ने भी केदारनाथ पहुंचकर दर्शन किए। गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी अपने परिवार के साथ बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे। उन्होंने विशेष पूजाओं में भाग लेकर जलाभिषेक किया और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। सांसद ने मंदिर परिसर में कपाट बंद होने की तैयारियों का निरीक्षण भी किया और प्रशासन की व्यवस्थाओं की सराहना की। इसी क्रम में गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे भी अपने परिवार संग केदारनाथ पहुंचे। उन्होंने भगवान केदारनाथ का अभिषेक कर मनौतियां मांगीं और शीतकालीन यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं।
कपाट बंद होने के साथ ही केदारनाथ धाम में छह महीने की शीतकालीन यात्रा आरंभ हो जाएगी। इस अवधि में भगवान केदारनाथ की पूजा रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में संपन्न की जाएगी, जहां बाबा केदारनाथ की पंचमुखी डोली पहुंचकर विराजमान होगी। प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी कपाट बंद होने से पहले धाम में भक्ति और भावनाओं का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब हजारों श्रद्धालु ठंड और कठिन परिस्थितियों के बावजूद अंतिम दर्शन के लिए केदारपुरी पहुंचे।
केदारनाथ धाम की घाटी में बुधवार को पूरे दिन पूजा-अर्चना, भजन और जयकारों की गूंज रही। मंदिर क्षेत्र को फूलों से सजाया गया था, जबकि परिसर में दीपों की जगमगाहट ने वातावरण को और भी पवित्र बना दिया। कपाट बंद होने की यह प्रक्रिया केवल धार्मिक नहीं, बल्कि एक भावनात्मक क्षण भी होती है, जब श्रद्धालु बाबा केदार को अगले छह महीनों के लिए विदा करते हैं। हिमालय की गोद में स्थित यह धाम अब बर्फ से ढक जाएगा और वसंत के आगमन के साथ अगले वर्ष अप्रैल-मई में कपाट पुनः खोले जाएंगे, जब श्रद्धालुओं का रेला एक बार फिर भगवान के दर्शन के लिए उमड़ेगा।