चंपावत जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह भंडारी ने टनकपुर के पूर्णागिरि तहसील सभागार में एक बैठक ली, इस दौरान उन्होंने रेलवे अतिक्रमण अभियान से प्रभावित परिवारों की समस्याओं को सुना। उन्होंने रेलवे और राजस्व विभाग के संयुक्त सर्वे के बाद ही अग्रिम कार्रवाई करने के आदेश दिए, वहीं, रेलवे की ओर से अतिक्रमण के नाम पर उजाडे़ गए पीड़ितों की ओर से स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पक्ष रखा, साथ ही अतिक्रमण के नाम पर भी कार्रवाई पर आपत्ति जताई।
बैठक में जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह भंडारी ने बताया कि रेलवे भूमि का संयुक्त सर्वे राजस्व विभाग तहसील टनकपुर और रेलवे की ओर से किया जा रहा है, बिना सयुंक्त सर्वे पूरा हुए कोई भी कार्रवाई अतिक्रमण के संबंध में नहीं होगी, मॉनसून के मद्देनजर भी अतिक्रमण नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि भूमि का सर्वे का कार्य चल रहा है, जिसके पूरे होने के बाद ही वैधानिक प्रक्रिया के तहत ही कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में कुल 10 वाद न्यायालय में दर्ज थे, जिसमें से 5 का निस्तारण कर लिया गया है, जबकि, वाद अभी न्यायालय में लंबित है।
डीएम भंडारी ने कहा कि जो भी कार्रवाई होगी, न्यायिक प्रक्रिया का पूर्ण पालन करके ही होगी, उन्होंने संयुक्त सर्वे करने के साथ ही बिना न्यायिक प्रक्रिया पूरा करे, किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई न करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए, उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित परिवार उपजिलाधिकारी टनकपुर कार्यालय के संपर्क में रहें, यदि किसी भी रेलवे अतिक्रमण प्रभावित परिवारों के पास किसी प्रकार के कोई भूमि संबंधित अभिलेख या दस्तावेज हैं तो वो प्रस्तुत कर सकते हैं।
चंपावत से टनकपुर तक बीते दिनों रेलवे विभाग की टीम की ओर से रेलवे की जमीन बताकर सैकड़ों लोगों को अतिक्रमण हटाने के नाम पर बेघर कर दिया गया था, जिनकी समस्या सुनने के लिए जिलाधिकारी ने इस बैठक का आयोजन किया। जिलाधिकारी ने साफतौर पर कहा कि आम लोग हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं, साथ ही रेलवे भी हमारे लिए महत्व रखता है, अतः कोई भी कार्रवाई करने से पहले पूरी जांच आवश्यक है।