देहरादून : अडानी ग्रुप को एसबीआइ की ओर से लोन दिए जाने के विरोध में हो रहे कांग्रेस के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का असर उत्तराखंड में भी दिखाई दिया। राजधानी देहरादून में स्टेट बैंक मुख्यालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया गया।सोमवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण महारा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता मुख्यालय के बाहर एकत्र हुए। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि अडानी को एसबीआइ ने लोन दिया है और एलआइसी ने अपने पैसे इस ग्रुप की कंपनी में लगाए हैं।ये सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर किया गया। इससे देश में आर्थिक तंगी आना तय है।
इस मौके पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंहए पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल आदि मौजूद रहे।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी एवं उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर केंद्र सरकार की गलत नीतियों के विरोध में ऋषिकेश महानगर कांग्रेस कमेटी ने स्टेट बैंक के बाहर प्रदर्शन कर धरना दिया। उनका कहना था कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण देश की आम जनता की खून.पसीने की कमाई डूबने की कगार पर है।महानगर अध्यक्ष राकेश सिंह मिया ने कहा कि आज पूरा देश सरकार की नीतियों के कारण परेशान है। केंद्र सरकार मध्यमवर्ग की कमर तोड़ कर चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है।
हाल ही में हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट से अडानी समूह में भारी वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई।एसबीआइ और एलआइसी करोड़ों रुपये इन कंपनियों को उधार दे चुकी है। ऐसे में देश के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। उन्होंने हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस या संयुक्त संसदीय समिति की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। साथ ही सरकारी कंपनियों द्वारा जबरदस्ती अडानी की कंपनियों में हुए जोखिम भरे निवेशों पर संसद में खुलकर बहस कराने की मांग की।
हिडंनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी की कंपनियों के शेयरों के दामों में गिरावट के बाद नैनीताल में भी कांग्रेसियों ने सरकार को घेरा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एसबीआई के सामने धरना प्रदर्शन कर जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने मामले में उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर जांच की मांग की।सोमवार को कांग्रेस नगर अध्यक्ष अनुपम कबडवाल के नेतृत्व में तमाम कार्यकर्ता मल्लीताल एसबीआई के समीप एकत्रित हुए। कार्यकर्ताओं ने बैंक के मार्ग में बैठकर जमकर धरना प्रदर्शन किया।कार्यकर्ताओं ने कहा कि अडानी को सहयोग कर देश का 80 हजार करोड़ रुपए डुबा दिया गया। 67 वर्षों में फायदे में चल रही एलआइसी को निजी हाथों में सौंप कर नुकसान झेल रही है। वहीं कई बैंकों का हजारों करोड़ रुपये अडानी की कंपनियों में लगा हुआ है। ऐसी हालत में यदि बैंक दिवालिया हुआ तो देश को नुकसान झेलना होगा।