
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मसूरी में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही ऐलान किया कि उत्तराखंड राज्य की लड़ाई में जान की बाजी लगा के लक्ष्य हासिल करने वालों को सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण दिलाने और महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण के लिए सरकार पूरी ताकत सर्वोच्च अदालत तक झोंके रखेगी। मुख्यमंत्री ने मसूरी में शहीद आन्दोलनकारियों के परिवारजनों को सम्मानित भी किया।
उन्होंने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के बलिदान के कारण ही हमें उत्तराखण्ड राज्य मिला। आन्दोनकारियों ने जिस उद्देश्य से अलग राज्य की मांग की थी, उसके अनुरूप ही राज्य को आगे बढ़ाने के लिए सरकार प्रयासरत है। उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए 10 साल का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। 2025 में उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएगा। सभी विभागों को इसके लिए लक्ष्य दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी में गढ़वाल सभा के भवन निर्माण के लिए 1.50 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी जा चुकी है। फिल्म के माध्यम से राज्य आन्दोलनकारियों का चित्रण हो इसकी व्यवस्था की जाएगी। इसके जरिये राज्य के युवाओं को राज्य आन्दोलनकारियों की वीरगाथाओं को दिखाया जाएगा। ये याद रखना होगा कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में हमारी माताओं और बहनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनकी इस अहम भूमिका को देखते हुए राज्य की महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लिए पुरजोर पैरवी की जाएगी।
पुष्कर ने कहा कि सरकार इस मामले में उच्चतम न्यायालय जाने की तैयारी कर रही है। राज्य आन्दोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण का परीक्षण कर उचित समाधान निकाला जाएगा। शिफ़नकोर्ट के लोगों के पुनर्वास की उचित व्यवस्था की जाएगी। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में मसूरी गोलीकांड एक महत्वपूर्ण घटना है। खटीमा एवं मसूरी से अलग राज्य निर्माण आन्दोलन को गति मिली। राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के प्रति संवेदनशील है।
इस अवसर पर पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, काशी सिंह ऐरी, मसूरी नगर पालिका परिषद् के अध्यक्ष अनुज गुप्ता, मसूरी नगर पालिका परिषद् के पूर्व अध्यक्ष मन्नू मल, मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल, राज्य आन्दोलनकारी रवीन्द्र जुगरान व बलजीत सिंह सोनी भी मौजूद थे।