कानपुर :यूपी के कानपुर देहात में बुलडोज़र एक्शन में घर में आग लगने से मां-बेटी की मौत की खबर है। वहीं इस मामले में तहसील प्रशासन पर रंजिशन हत्या का आरोप लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बुलडोजर एक्शन के दौरान झोपड़ी में लगने से मां-बेटी की जलने से मौत हुई। दोनों को बचाने की कोशिश में परिवार के मुखिया भी गंभीर रूप से घायल हो गए। हालांकि परिवार का तहसील प्रशासन पर रंजिशन आग लगा कर हत्या करने का आरोप है।पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति ने ‘भाषा’ को बताया कि अधिकारियों की एक टीम अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए गांव में पहुंची थी, तभी महिला और उसकी बेटी ने अपनी झोपड़ी के अंदर खुद को आग लगा ली, जिससे उनकी मौत हो गई।
उन्होंने कहा, ‘हम मौके पर पहुंच गए हैं और मामले की जांच की जा रही है।’ इससे पहले जनवरी महीने में पीड़ित परिवार का मकान गिरा दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने डीएम से मिलकर इंसाफ़ की गुहार लगाई थी।वहीं पीड़ित परिवार के मुताबिक़ -तहसील प्रशासन के लोग एक मंदिर गिराने पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने झोपड़ी को आग के हवाले कर दिया। अंदर मौजूद कुछ लोग जान बचाकर भागे। लेकिन मां-बेटी आग की चपेट में आ गए और दोनों की मौत हो गई। पीड़ित परिवार लेखपाल और एसडीएम पर आरोप लगा रहा है। उसका कहना है कि कुछ और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से रंज़िशन आग लगाकर दो लोगों की हत्या की गई है।डीएम से तीन दिन में न्याय का भरोसा भी मिला था।
लेकिन प्रशासन से कोई राहत नहीं मिली और अब ये मामला सामने आया है। उधर, राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस घटना को हत्या करार दिया। सपा ने प्रशासन को जल्लाद और अमानवीय बताकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों की पहचान प्रमिला दीक्षित (45) और उनकी बेटी नेहा दीक्षित (20) के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि घटना से आक्रोशित परिजनों व उनके समर्थकों ने लेखपाल अशोक सिंह की पिटाई कर दी, जिसके बाद अतिक्रमण रोधी टीम वहां से भाग गयी।आक्रोशित लोगों ने जिलाधिकारी नेहा जैन और पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति के समक्ष इस संबंध में उप जिलाधिकारी (मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।
इस मामले की जानकारी मिलने के बाद अपर पुलिस महानिदेशक (कानपुर जोन) आलोक सिंह ने संभागीय आयुक्त राज शेखर के साथ गांव का दौरा कर मामले की जानकारी ली।अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी नेहा जैन से मुलाकात की थी और संबंधित परिवार के मुखिया के खिलाफ ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा करने की शिकायत की थी।घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने एक ट्वीट में कहा कि ” योगी जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) आपके जल्लाद और अमानवीय प्रशासन द्वारा की गयी ये हत्या है।” इसी ट्वीट में सपा ने यह भी कहा कि ”योगी सरकार में लगातार ब्राह्मण परिवार निशाना बनाये जा रहे। लगातार चुन चुनकर ब्राह्मणों के साथ घटनाएं घटित हो रही हैं। दलित-पिछड़ों के साथ-साथ ब्राह्मण भी भाजपा शासित योगी सरकार के अत्याचार का निशाना बन रहे हैं।” सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पार्टी के इस ट्वीट को री-ट्वीट किया है।
Sources:Aajtak