देहरादून। शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं रिसाइकिलिंग प्लांट में नई कंपनी 888 रुपये प्रति टन के हिसाब से कूड़ा निस्तारित करेगी। फाइनेंशियल बिड के बाद कम रेट के आधार पर भोपाल की नेशनल फेडरेशन ऑफ फार्मर प्रोक्यूरमेंट प्रोसेसिंग एंड रिटेलिंग कोऑपरेटिव ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसीओएफ) कंपनी का चयन किया गया है।
शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट के संचालन को लेकर अगस्त से ही संशय बना हुआ था। दरअसल, प्लांट शुरू होने पर वर्ष 2018 से ही चेन्नई की रैमकी इनवॉयरो कंपनी प्लांट का संचालन कर रही थी। लेकिन, सही से कूड़ा निस्तारण न होने, प्लांट में कूड़े का पहाड़ खड़ा होने, आसपास बदबू फैलने, गंदे पानी और आरडीएफ का सही निस्तारण न होने से रैमकी कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे थे। नगर निगम ने कई बार नोटिस दिया लेकिन कंपनी ने अपनी कार्यप्रणालीनहीं सुधारी। इसके बाद निगम ने कंपनी पर जुर्माना लगाना शुरू कर दिया। इससे खफा कंपनी प्रबंधन ने 31 अगस्त के बाद प्लांट का काम छोड़ने की चेतावनी दे दी थी।
लिहाजा निगम ने भी रैमकी का अनुबंध खत्म कर प्लांट के लिए नए टेंडर डाल दिए। सितंबर में टेंडर खुले तो दो कंपनियां एक्सेल और आकांक्षा इंटरप्राइजेज सामने आईं। फिजिकल वेरिफिकेशन में आकांक्षा इंटरप्राइजेज के पास अनुभव की कमी पाई गई। लिहाजा निगम ने आकांक्षा का टेंडर रद्द कर नए टेंडर डाल दिए। इस बार पांच कंपनियां प्लांट संचालन के लिए आगे आईं। लेकिन, कागज पूरा न करने के कारण तीन बाहर हो गईं। मुंबई की एक्सेल और भोपाल की एनएसीओएफ ही दौड़ में बचीं।
टेंडर फाइनल होने के बाद निगम ने दोनों कंपनियों का फिजिकल वेरिफिकेशन कराया। बृहस्पतिवार को फाइनेंशियल बिड खोली गई। एक्सेल ने 1294 रुपये प्रति टन के हिसाब से प्रोसेसिंग के रेट डाले थे जबकि एनएसीओएफ का प्रोसेसिंग रेट 888 रुपये प्रति टन था। ऐसे में प्लांट के संचालन के लिए एनएसीओएफ का चयन किया गया है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खन्ना ने बताया कि कंपनी को पत्र लिखकर प्रोसेसिंग के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण आने के बाद प्लांट संचालन की जिम्मेदारी सौंपने की कार्रवाई शुरू होगी।