मैनपुरी। मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव बंपर जीत की ओर लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने एक बड़ा लीड भी हासिल कर लिया है। मैनपुरी उपचुनाव के नतीजों ने एक बार फिर से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव को मिला दिया है। इसके बाद एक बड़ा निर्णय भी हुआ है। शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय हो गया है। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी का झंडा भी दिया है। शिवपाल यादव ने कहा कि आज से हम दोनों एक हो गए हैं। हम सही समय का इंतजार कर रहे थे। आज से हमारी गाड़ी पर भी समाजवादी पार्टी का झंडा होगा।
आपको बता दें कि मैनपुरी में डिंपल यादव ने लगभग ढाई लाख वोटों से आगे चल रही हैं। भाजपा ने यहां से रघुराज शाक्य को मैदान में उतारा था। लेकिन कहीं ना कहीं इस बार मैनपुरी में समाजवादी पार्टी का कद देखने को मिला है। दरअसल, मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी में उप चुनाव हो रहे थे। अखिलेश यादव ने यहां से अपनी पत्नी डिंपल यादव को चुनावी मैदान में उतारा था। शिवपाल यादव और अखिलेश यादव की दूरियां इसी दौरान कम हुई। शिवपाल यादव ने बताया कि उनकी बहू डिंपल ने उन्हें फोन कर कहा था कि मैं चुनाव लड़ने जा रही हूं। आपका आशीर्वाद चाहिए ऐसे में मैं बहू को मना कैसे कर सकता था।
शिवपाल यादव पूरी तरीके से समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। उनकी गाड़ी पर समाजवादी पार्टी का झंडा लग गया है। इस दौरान दोनों पार्टियों के समर्थक तालियां बजा रहे थे। उनके अंदर खूब खुशी की लहर थी। दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले शिवपाल यादव और अखिलेश यादव में कड़वाहट हो गई थी।
इसके बाद शिवपाल ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले दोनों एक साथ जरूर आए थे। लेकिन नतीजों के बाद दोनों की दूरियां लगातार बढ़ती गई। हालांकि, मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद से शिवपाल यादव और अखिलेश यादव काफी करीब हुए। दोनों तमाम कार्यक्रमों में एक साथ शामिल होते रहे। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के साथ शिवपाल के घर उनसे मुलाकात करने भी पहुंचे थे।