लुधियाना के औद्योगिक क्षेत्र ग्यासपुरा में जब लोग सुबह नींद से जागे तो उन्हें क्या मालूम था कि क्या होने वाला है। कुछ ही देर में इलाके में गैस का तांडव शुरू हो गया। सुबह उठ चाय के लिए दूध और किराना सामान लाने के लिए निकले लोगों ने ऐसी कल्पना भी नहीं की थी कि इतना बड़ा कांड हो जाएगा। जैसे-जैसे लोग बाहर आते गए, पेड़ के पत्तों की तरह नीचे गिरते गए।
एक बार तो पूरे इलाके में कोहराम मच गया। गोयल कोल्ड ड्रिंक स्टोर के बाहर लोगों को जमीन पर गिरा देख कोई आगे जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा था। गैस का असर इतना ज्यादा था कि तीन से चार घरों के साथ-साथ सामने झोपड़ी में दुकानें लगाने वालों पर भी असर हुआ। उसमें से भी कई लोग नीचे गिर गए। इसके बाद लोग वहां से भाग निकले ताकि अपनी जान बचा सकें।
आशंका थी कि घर के ऊपर भी लोग गिरे हो सकते हैं। जिसके लिए अधिकारियों ने ड्रोन से घटनास्थल के आसपास का पूरा इलाका चेक किया और छतों पर नजर दौड़ाई।लुधियाना डीसी सुरभि मलिक ने कहा कि रेस्पिरेटरी सिस्टम में दम घुटने का कोई लक्षण नहीं,न्यूरोटॉक्सिन से मौत संभव मैनहोल में मीथेन के साथ कुछ रासायनिक प्रतिक्रिया हो सकती है जांच की जा रही है।
एनडीआरएफ की टीमें सैंपल ले रही हैं मृतकों के ब्लड सैंपल लिए जाएंगे ताकि पता चल सके कि किस तरह की गैस से उनकी मौत हुई है। जिन लोगों की मौत हुई,उनके रेस्पिरेटरी सिस्टम में दम घुटने का कोई लक्षण नहीं दिखा। मौत की वजह न्यूरोटॉक्सिन हो सकता है। गैस लीकेज की जांच के लिए मशीनें लगाई गई हैं। सीवरेज मेनहोल से सैंपल लिए गए हैं।
गैस के असर से नीले पड़ गए शव,लोगों ने बंद किए घरों के दरवाजे व खिड़कियां
लुधियाना में गैस रिसाव से हुई 11 लोगों की मौत के बाद इलाके में दहशत कायम है। एक मृतक के परिजन अंजन कुमार ने बताया कि गैस का असर ऐसा था कि लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है। तीन शव नीले पड़ गए। संक्रमण के खतरे को देखते हुए लोगों ने अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर लीं।
एक अन्य स्थानीय ने कहा कि उनके परिवार के कई सदस्य घटनास्थल में अंदर फंसे रहे। डीसी सुरभि मलिक ने कहा कि हम अपील करते हैं कि किसी भी तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें और घबराएं नहीं।निगम और एनडीआरएफ की टीमें जांच कर रही हैं। हम सिर्फ सुरक्षा के लिए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों से अपील की कि वे मास्क पहनें और घटना स्थल से थोड़ी देर दूर रहें।