देहरादून। उत्तराखंड में मानसून की रफ्तार मंद पड़ने के साथ ही अतिवृष्टि से हुई क्षति को लेकर तस्वीर साफ होने लगी है। अभी तक के आकलन के अनुसार प्रदेश में आपदा से 1335 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। इसकी क्षतिपूर्ति के दृष्टिगत राज्य आपदा मोचन निधि से 323 करोड़ रुपये की व्यवस्था है, लेकिन शेष एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की सहायता के लिए राज्य सरकार केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी। इसे लेकर कसरत शुरू हो गई है।
प्रदेश में 15 जून से अब तक मानसून सीजन में हुई भारी वर्षा के कारण जनहानि के साथ ही बड़े पैमाने पर सड़कों, कृषि भूमि, सार्वजनिक संपत्तियों को क्षति पहुंची है। क्षति के मामले में हरिद्वार जिला सबसे अधिक प्रभावित रहा है।
अभी तक आंकलित की गई 1335 करोड़ रुपये की क्षति में 652 करोड़ का आकलन अकेले हरिद्वार में हुआ है। आपदा से हुई क्षति की भरपाई के दृष्टिगत सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने हाल में कहा था कि मदद के लिए केंद्र से आग्रह किया जाएगा।
अब सरकार की ओर से केंद्र को भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर कसरत प्रारंभ की गई है। मानसून के खत्म होते ही यह केंद्र को भेजा जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र से राज्य को ठीकठाक राशि उपलब्ध हो जाएगी।
आपदा से प्रमुख विभागों को हुई क्षति
विभाग, क्षति (करोड़ रुपये में)
- गन्ना, 464.49
- लोनिवि, 364.24
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, 132.13
- सिंचाई, 76.42
- राष्ट्रीय राजमार्ग, 52.85
- पंचायती राज, 44.49
- पारेषण निगम, 39.53
- शहरी विकास, 23.43
- वन, 20.41
- ग्राम्य विकास, 18.28
- कृषि, 13.91
- ऊर्जा निगम, 28.71
- पेयजल, 10.96