देहरादून। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद थानो रोड पर भोपालपानी पुल की क्षतिग्रस्त एप्रोच रोड की मरम्मत शुरू हो पाएगी। क्योंकि, मरम्मत सिर्फ इस बात की पड़ताल पर अटकी थी कि क्योंकि इस पुल की एप्रोच रोड बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही है। इस बात की जांच की जिम्मेदारी केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआइ) को दी गई थी और संस्थान के विशेषज्ञ बार-बार टालमटोल कर रहे थे।
हालांकि, अब सीआरआरआइ के सात विशेषज्ञों की टीम ने दून पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। 30 अक्टूबर तक जांच की जाएगी और इसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग खंड देहरादून को रिपोर्ट दी जाएगी। भोपालपानी पुल की एप्रोच रोड निर्माण के साढ़े चार साल के भीतर तीन बार ढह चुकी है। इस स्थिति को देखते हुए ही मरम्मत की किसी भी विधि पर आगे बढ़ने से पहले यहां की मिट्टी, डिजाइन आदि की जांच कराने का निर्णय लिया गया था।
इसके लिए केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान का चयन करते हुए जांच के लिए 35.40 लाख रुपये का भुगतान भी राजमार्ग खंड में मार्च 2023 में ही कर दिया था। राजमार्ग खंड देहरादून के अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता के मुताबिक, सीआरआरआइ की टीम मई माह से ही जांच करने का भरोसा दिला रही थी। जुलाई के आसपास टीम देहरादून आई और कुछ जांच भी की गई, लेकिन बात नहीं बनी।
इसके बाद भोपालपानी पुल समेत दो अन्य पुलों की एप्रोच रोड की मिट्टी के सैंपल भी भेजे गए थे। तब संस्थान के विशेषज्ञों ने सितंबर माह तक प्रारंभिक रिपोर्ट भेजने का भरोसा दिलाया था। जब सीआरआरआइ की लेटलतीफी बढ़ती रही तो राजमार्ग खंड ने रिमाइंडर भी भेजा।
हालांकि, इंतजार की घड़ी अब खत्म हो गई है और सीआरआरआइ के विशेषज्ञों ने थानो रोड पर पुलों की एप्रोच रोड की जांच शुरू कर दी है। राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता ने बताया कि 30 अक्टूबर तक जांच करने के बाद विशेषज्ञ अपनी रिपोर्ट देंगे। इसमें जिस भी विधि से मरम्मत कार्य की संस्तुति की जाएगी, उसके आधार पर तत्काल काम शुरू कराया जाएगा।
भोपालपानी पुल की कहानी
- 13 दिसंबर 2022 की रात पुल की एप्रोच रोड पर दरार उभरी थी।
- 22 दिसंबर को दरार वाले भाग से एप्रोच रोड का करीब 24 मीटर भाग पांच-छह मीटर तक ध्वस्त हो गया।
- पुल का निर्माण वर्ष 2018 में करीब 08 करोड़ रुपये से किया गया।
- निर्माण के कुछ समय बाद ही एप्रोच रोड पर पहली बार खामी नजर आई, तब तत्कालीन अधिशासी अभियंता शैलेंद्र मिश्र, सहायक अभियंता जगदीश कांडपाल व अपर सहायक अभियंता बालेंद्र सिंह को निलंबित किया गया।
- जून 2021 में एप्रोच रोड दूसरी बार क्षतिग्रस्त हो गई, तब भी तत्कालीन अभियंताओं पर गाज गिराई गई।
- दिसंबर 2022 में तीसरी बार खामी आने पर तत्कालीन अधिशासी अभियंता को मुख्यालय अटैच किया गया।
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