ग्रेटर नोएडा। हाई प्रोफाइल पार्टियों में सांपों की डीलिंग कराने में एक व्यापारी का नाम सामने आया है। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि इस व्यापारी से एल्विश यादव का ताल्लुक है। लेकिन इस दावे में कितना दम है, ये जांच के बाद ही पता लगेगा। फिलहाल पुलिस तक यह नाम पहुंच चुका है। इसके अलावा रविवार को आरोपी राहुल यादव से शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता की बातचीत के दो नए ऑडियो और सांप को देखते हुए का एल्विश का नया वीडियो सामने आया है। वहीं, मामले का स्टिंग कर शिकायत दर्ज कराने में शामिल पीएफए के सदस्य पुलिस की लापरवाही से नाराज हैं।
उन्होंने मेनका गांधी को कॉल कर किसी अन्य एजेंसी या वरिष्ठ अधिकारी से पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है। वायरल हुए ऑडियो में पीएफए कार्यकर्ता गौरव गुप्ता से बातचीत में आरोपी राहुल यादव से यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि एल्विश से उसके संबंध है या नहीं। वह ऑडियो में पूछताछ करते हैं कि हमें कैसे पता लगेगा कि तुमने एल्विश यादव के साथ काम किया है। तब राहुल यादव कहता है कि उसने छतरपुर के फार्म हाउस और गौतमबुद्ध नगर में भी एल्विश के साथ काम किया है।
कार्यकर्ता से कहा गया कि वह इसका वीडियो भेज देंगे। उनका काम विदेशियों के साथ होता है, राहुल खुद को प्रोग्राम करने के लिए विदेश जाने का दावा करता है। जो वीडियो भेजा गया, उसमें एल्विश यादव एक गहरे डिब्बे में बंद सांप को देखते व वीडियो बनवाते नजर आ रहे हैं। दिल्ली से सांप लाते हैं और बहुत सख्ती होती है आदि भी राहुल कहता सुनाई दे रहा है। नए वायरल वीडियो में अंधेरे में रखे लकड़ी के गहरे में डिब्बे में एल्विश के साथ तीन चार युवक झांकते नजर आ रहे हैं। तीनों आपस में कहते हैं.. भाई बहुत भयंकर आवाज आ रही है।
ये वही है इतना छोटा। जो कोबरा से चार गुना बड़ा है। ओए खुल गया भाई, ये तो लड्डू खा रहा है। इसे जंगल में छोड़ दे भाई। पीएफए के सौरभ गुप्ता का कहना है कि राहुल की रिमांड लेने में देरी की गई है। वहीं, एल्विश को भी कोटा पुलिस के पकड़ने के बाद नोएडा पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इससे आरोपी इस केस की साक्ष्य नष्ट कर सकते हैं। वन विभाग की कार्रवाई में ही एल्विश का नाम नहीं है। इसी वजह से रविवार को मेनका गांधी को कॉल कर इस मामले की जांच सीबीआई या किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराने की मांग की गई है।
इस मामले में बरामद किए गए सभी नौ सांप शेड्यूल एक श्रेणी के हैं। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत दोष सिद्ध होने पर दोषी को सात साल तक की सजा हो सकती है। सांपों को जंगल में छोड़ने के लिए सोमवार को न्यायालय में याचिका दी जाएगी। न्यायालय के आदेश के बाद सांपों को छोड़ा जाएगा। वन विभाग की तरफ से इस मामले में जो सूचना दर्ज की गई है, उनमें जो लोग पकड़े गए हैं, केवल उन्हीं का नाम है। इसमें प्रकाश में आए अन्य नाम को भी शामिल किया जा सकता है।
– पीके श्रीवास्तव, जिला वन अधिकारी
एल्विश प्रकरण नोएडा कमिश्नरेट पुलिसके गले की हड्डी बन गई है। कोटा में एल्विश के पकड़े जाने के बाद भी नोएडा पुलिस के कार्रवाई नहीं करने पर सवाल उठने लगे हैं। मामले में यहां तक कहा जा रहा है कि कहीं गफलत में तो एल्विश के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज तो नहीं कर दी। इस मामले में थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई भी इसी ओर इंगित कर रहा है। पुलिस ने अब तक इस मामले में एल्विश यादव से पूछताछ के लिए भी संपर्क नहीं किया है। पुलिस के अधिकारियों ने साक्ष्य एकत्र करने के बाद पूछताछ के लिए बुलाए जाने की बात कही है।
साथ ही इस मामले में एल्विश की गिरफ्तारी पर संशय की स्थिति बनी हुई है। हालांकि इस सप्ताह किसी भी दिन एल्विश को पूछताछ के लिए बुलाए जाने की भी अटकलें हैं। इस मामले में पुलिस अधिकारियों के बीच लगातार बैठक हो रही हैं। वहीं इस मामले में वन विभाग की भी जांच चल रही है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सोमवार को कोर्ट में अर्जी देकर सांपों को वन में छोड़ने की अनुमति मांगी जाएगी। अभी सांप और विष पुलिस के पास है। कोर्ट की अनुमति के बाद विष को भी जांच के लिए भेजा जाएगा।
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