देहरादून। राजस्थान में बाघों का कुनबा बढ़ाने में उत्तराखंड सहयोग देगा। राजस्थान की ओर से किए गए चार मादा बाघ उपलब्ध कराने के अनुरोध पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। राज्य में बाघ समेत दूसरे वन्यजीवों की बढ़ती संख्या और इनके हमलों को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी अन्य राज्यों से वन्यजीवों की मांग आने पर इन्हें ट्रांसलोकेट करने से संबंधित प्रस्तावों पर विचार कर कार्यवाही के निर्देश दे चुके हैं।
बाघों के संरक्षण में उत्तराखंड निरंतर अग्रणी भूमिका निभा रहा है। पिछली गणना के अनुसार राज्य में बाघों की संख्या 560 है। कार्बेट टाइगर रिजर्व तो बाघों के घनत्व के मामले में देश के सभी टाइगर रिजर्व में सिरमौर है। वहां बाघों की संख्या 260 है। इस बीच राज्य में वन्यजीवों के हमलों की संख्या भी बढ़ी है। पिछले वर्ष की ही तस्वीर देखें तो बाघों ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 17 व्यक्तियों की जान ली।
यही नहीं, गुलदार के हमले भी राज्यवासियों के लिए मुसीबत का सबब बने हैं। हाल के दिनों में वन्यजीवों विशेषकर गुलदार व बाघ के बढ़ते हमलों को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने समस्या के निवारण को प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। साथ ही यह भी निर्देशित किया था कि यदि जंगलों की धारण क्षमता से अधिक वन्यजीव हो गए हैं तो इन्हें अन्य राज्यों से आने वाली मांग से संबंधित प्रस्तावों पर मंथन कर ट्रांसलोकेट की संभावना का परीक्षण करा लिया जाए।
इस बीच राजस्थान ने अपने यहां बाघों की संख्या बढ़ाने के दृष्टिगत उत्तराखंड से चार मादा बाघ उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। राजस्थान के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक इस बारे में उत्तराखंड को पत्र भेजा है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डा समीर सिन्हा ने इसकी पुष्टि की। उन्होंंने कहा कि इस प्रस्ताव का गहनता से परीक्षण चल रहा है। आने वाले दिनों में इस संबंध में उच्च स्तर पर विमर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा।
उत्तराखंड में बाघ गणना
- 2022 – 560
- 2018 – 442
- 2014 – 340
- 2010 – 227
- 2006 – 178
टाइगर रिजर्व में संख्या कार्बेट गणना
- 2022 – 260
- 2018 – 231
क्षेत्रीय वन प्रभागों में बाघ
- रामनगर – 67
- तराई पूर्वी – 53
- तराई पश्चिमी -52
- हल्द्वानी – 36
- लैंसडौन – 29