बरेली। बवाल के लिए बदनाम जिले में 22 जनवरी को मानो रामराज्य की शुरुआत हुई हो। अयोध्या में रामलला के अचल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के साथ बरेली में अचानक ही अपराध का ग्राफ नीचे गिर गया। जहां आए दिन सांप्रदायिक झड़प हुआ करती थी, वहां सौहार्द के माहौल में 279 शोभायात्राएं निकाली गईं।
बरेली जिले के 30 में से 24 थानों में एक भी मुकदमे दर्ज नहीं हुए। अन्य छह थानों में भी रोज के मुकाबले सिर्फ 25 फीसदी मामले ही दर्ज हुए। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जिले का 20 फीसदी पुलिस स्टाफ अयोध्या ड्यूटी पर गया हुआ है। इससे अधिकारियों को अनहोनी की आशंका सता रही थी। हालांकि, जिले में रामराज्य जैसा माहौल रहा।
जिले के 30 थानों में सिर्फ आठ रिपोर्ट दर्ज की गईं। बहेड़ी और भोजीपुरा में दो-दो, कैंट, प्रेमनगर, बिशारतगंज व फतेहगंज पूर्वी में एक-एक रिपोर्ट दर्ज की गई। इनमें भी कुछ तो पुलिस के गुडवर्क शामिल रहे। कुछ धोखाधड़ी व सामान्य मामले थे। पुलिस विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सामान्य दिनों में जिले में रोजाना 50 से 60 मामले दर्ज होते हैं।
शहर का बानखाना इलाका संवेदनशील है। यहां रामदूत नाचते-गाते निकले तो कोई विरोध नहीं हुआ। कई स्थानों पर दूसरे समुदाय के लोगों ने फूल बरसाकर शोभायात्राओं का स्वागत किया। देहात क्षेत्र में 151 शोभायात्राएं निकाली गईं। इनमें अतिसंवेदनशील बहेड़ी इलाके में 70 शोभायात्राएं निकाली गईं। एसपी देहात मुकेश मिश्रा पूरे दिन कस्बों में घूमते रहे। शाम को राहत की सांस ली।
जिले में यूं तो हजारों धार्मिक अनुष्ठान हुए पर पुलिस के रिकॉर्ड में 615 स्थानों पर हवन, यज्ञ व सुंदरकांड पाठ हुए। 479 जगह बड़ी स्क्रीन लगाकर अयोध्या के कार्यक्रम का सजीव प्रसारण दिखाया गया। 1,085 जगह भंडारे हुए। कहीं से कोई विवाद की सूचना पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हुई।
सोमवार को रामलला के अचल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के दिन जिले में सौहार्द का माहौल रहा। मुकदमों की संख्या बेहद कम रही। संवेदनशील स्थानों पर शोभायात्राएं सकुशल संपन्न हुईं। जनता से अपेक्षा है कि सूचनाएं देने और व्यवस्था बनाने में इसी तरह पुलिस का सहयोग करे तो अन्य दिनों में भी अपराध का ग्राफ नीचे आ जाएगा।
– घुले सुशील चंद्रभान, एसएसपी