देहरादून। पुष्कर सिंह धामी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के कर्मचारियों को खुश करने में कसर नहीं छोड़ रही है। बाल्य देखभाल अवकाश पर रहने वाले कार्मिकों को अब 365 दिन बाद यानी लगातार दूसरे वर्ष भी प्राप्त हो रहे वेतन के समान अवकाश वेतन दिया जाएगा। इसके साथ में वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के अवसर बढ़ाते हुए वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का नया पद सृजित करने को मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दी। किसानों को बड़ी राहत देते हुए गन्ना मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि करने का निर्णय भी लिया गया है।
गन्ने के अगेती प्रजाति के लिए 375 रुपये और सामान्य प्रजाति के लिए 365 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश के कार्मिकों व गन्ना किसानों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कर्मचारी संगठनों की मांगों और उनकी समस्याओं के निराकरण को लेकर सरकार लंबे समय से उदार रुख अपनाए हुए है। मंत्रिमंडल के निर्णयों की जानकारी मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने दी।
उन्होंने बताया कि महिला सरकारी सेवकों अथवा महिला व पुरुष एकल अभिभावक को बाल्य देखभाल अवकाश में दूसरे वर्ष भी अवकाश वेतन का शत-प्रतिशत मिलेगा। मंत्रिमंडल ने इस संबंध में एक जून, 2023 के शासनादेश में आंशिक संशोधन को हरी झंडी दिखाई। बाल्य देखभाल अवकाश संपूर्ण सेवाकाल में अधिकतम दो वर्ष यानी 730 दिन के लिए दिया जाता है। अभी तक कार्मिक को पहले 365 दिन अवकाश वेतन का 100 प्रतिशत और अगले 365 दिन में अवकाश वेतन का 80 प्रतिशत देने का निर्णय लिया गया था।
अब उन्हें कुल अवकाश अवधि के दौरान पूरा वेतन मिलेगा। मंत्रिमंडल ने वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के अधिक अवसर का रास्ता साफ कर दिया। स्टाफिंग पैटर्न के अंतर्गत 4800 ग्रेड वेतन में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए संशोधित स्टाफिंग पैटर्न को स्वीकृति दी गई है। मंत्रिमंडल ने पेराई सत्र 2023-24 के लिए गन्ने का मूल्य और गन्ना विकास अंशदान की दर के निर्धारण पर मुहर लगाई।
पिछले पेराई सत्र 2022-23 के लिए निर्धारित गन्ना मूल्य में 20 रुपये की वृद्धि करते हुए अगेती प्रजाति के लिए 375 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजाति के लिए 365 रुपये प्रति क्विंटल की दर तय की गई है। गन्ना विकास अंशदान (कमीशन) की दर 5.50 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई। इसके परिणामस्वरूप गन्ना विकास समिति के कार्मिकों के वेतन व अन्य देयकों के भुगतान को 1.36 करोड़ की आर्थिक सहायता राज्य सरकार के स्तर से देने का निर्णय लिया गया है।