सुल्तानपुर। सुल्तानपुर दीवानी न्यायालय से लखनऊ जाते समय शुक्रवार को अचानक राहुल गांधी का काफिला गुप्तारगंज के विधायक नगर के रामचेत मोची की दुकान पर रुका। लोग जब तक कुछ समझ पाते, राहुल दुकान में जा बैठे और रामचेत से बातचीत करने लगे। इस दौरान राहुल गांधी ने जूते-चप्पल की सिलाई भी की। उनसे काम में आने वाली दिक्कतों को भी जाना। आश्वासन दिया कि हम आपकी आवाज बनेंगे।
राहुल गांधी ने पूछा कि परिवार कैसे चलता है? रामचेत ने कहा कि दुकान से कभी 100 तो कभी 50 रुपये मिल जाते हैं। जवाब सुनकर राहुल सोच में पड़ गए और पूछा कि इतनी कम कमाई में परिवार का गुजारा कैसे करते हैं? रामचेत ने राहुल को काम की बारीकियों से अवगत कराया और कहा कि घर की माली हालत बहुत खराब है। कुछ आर्थिक मदद हो जाय तो नया व्यवसाय शुरू कर दूं। इस काम में स्वाभिमान नहीं है। लोग हेय दृष्टि से देखते हैं। यही कारण है कि बेटे को इस काम से दूर रखा है। राहुल गांधी ने दिलासा देते हुए कहा कि सबकी आवाज मैं उठाऊंगा।
दुकान में बैठे राहुल ने चप्पल व जूते की सिलाई का तरीका पूछते ही एक चप्पल उठा ली और उसे सिलने लगे। राहुल का यह अंदाज देख सभी दंग रह गए। करीब पांच मिनट तक राहुल दुकान में रहे और जूते-चप्पल बनाने की बारीकियों को समझते रहे। इस दौरान उन्होंने ठंडा मंगाकर रामचेत और उसके परिवार को पिलाया। परिवार के साथ फोटो खिंचवाई और खुद भी सेल्फी ली। राहुल के जाने के बाद रामचेत ने बताया कि हमारे काम को लोग नीचा समझते हैं, लेकिन राहुल गांधी ने आकर सम्मान बढ़ाने का कार्य किया। ऐसा किसी और नेता ने अब तक नहीं किया। उनसे बातकर लगा कि गरीबों की आवाज सुनने वाला नेता देश में है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, पूर्व एमएलसी दीपक सिंह के साथ दीवानी न्यायालय परिसर में दाखिल हुए। उनके पहुंचते ही वहां पहले से मौजूद कांग्रेसियों ने उनका स्वागत पुष्पवर्षा कर किया। इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। दीवानी न्यायालय में स्वागत के बाद हाथ मिलाने के लिए कार्यकर्ताओं की धक्कामुक्की से राहुल गांधी नाराज दिखे। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से रास्ता बनाने के लिए कहा। इस दौरान राहुल के चेहरे पर नाराजगी के भाव दिखे। हालांकि उन्होंने कुछ नहीं बोला।
राहुल के पहुंचने के बाद एक कांग्रेसी कार्यकर्ता ने उन्हें डॉ. भीमराव आंबेडकर का चित्र देने की कोशिश की। काफी देर तक वह चित्र को हवा में लहराता रहा। अचानक राहुल की नजर चित्र पर पड़ी तो उन्होंने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन तभी सीओ शिवम मिश्र ने उस चित्र और कार्यकर्ता को पीछे धकेलते हुए राहुल गांधी को कार्यकर्ताओं से बचाते हुए कोर्ट की ओर लेकर चले गए।
दीवानी न्यायालय आते समय बाबूगंज चौराहे पर सुब्रत सिंह सनी और उपाध्यक्ष मानस तिवारी की अगुवाई में पोस्टर-बैनर लिए नीट के अभ्यर्थियों ने राहुल से मुलाकात कर आवाज उठाने के लिए आभार जताया। राहुल गांधी ने सभी से पूछा कि क्या चाहते हो आप ? इसपर अभ्यर्थियों ने कहा कि परीक्षा रद्द होनी चाहिए। राहुल गांधी ने उनकी आवाज सदन में उठाने और लड़ाई लड़ने का भरोसा दिलाया।