आज का पञ्चांग
*दिनांक:- 09/08/2024, शुक्रवार*
*पंचमी, शुक्ल पक्ष,*
*श्रावण*
(समाप्ति काल)
तिथि———– पंचमी 27:13:31 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———— हस्त 26:43:19
योग————– सिद्ध 13:43:47
करण————- बव 13:54:43
करण———– बालव 27:13:31
वार———————- शुक्रवार
माह———————– श्रावण
चन्द्र राशि—————– कन्या
सूर्य राशि—————— कर्क
रितु————————– वर्षा
आयन——————दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) —————कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————— 05:48:05
सूर्यास्त—————- 19:00:51
दिन काल————- 13:12:45
रात्री काल————- 10:47:45
चंद्रोदय————— 09:48:12
चंद्रास्त—————- 21:45:23
लग्न—- कर्क 22°43′ , 112°43′
सूर्य नक्षत्र—————–आश्लेषा
चन्द्र नक्षत्र——————- हस्त
नक्षत्र पाया——————- रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
पू—- हस्त 06:20:21
ष—- हस्त 13:08:02
ण—- हस्त 19:55:45
ठ—- हस्त 26:43:19
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कर्क 22°05, अश्लेषा 2 डू
चन्द्र= कन्या 13°30 , हस्त 1 पू
बुध =सिंह 09°53′ मघा 3 मू
शु क्र= सिंह 10°05, मघा ‘ 4 मे
मंगल=वृषभ 18°30 ‘ रोहिणी’ 3 वी
गुरु=वृषभ 21°30 रोहिणी , 4 वु
शनि=कुम्भ 24°10 ‘ पू o भा o ,2 सो
राहू=(व) मीन 15°00 उo भा o, 4 ञ
केतु= (व)कन्या 15°00 हस्त 2 ष
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 10:45 – 12:24 अशुभ
यम घंटा 15:43 – 17:22 अशुभ
गुली काल 07:27 – 09: 06अशुभ
अभिजित 11:58 – 12:51 शुभ
दूर मुहूर्त 08:27 – 09:19 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:51 – 13:44 अशुभ
वर्ज्यम 09:03 – 10:52 अशुभ
प्रदोष 19:01 – 21:12 शुभ
💮चोघडिया, दिन
चर 05:48 – 07:27 शुभ
लाभ 07:27 – 09:06 शुभ
अमृत 09:06 – 10:45 शुभ
काल 10:45 – 12:24 अशुभ
शुभ 12:24 – 14:04 शुभ
रोग 14:04 – 15:43 अशुभ
उद्वेग 15:43 – 17:22 अशुभ
चर 17:22 – 19:01 शुभ
🚩चोघडिया, रात
रोग 19:01 – 20:22 अशुभ
काल 20:22 – 21:43 अशुभ
लाभ 21:43 – 23:04 शुभ
उद्वेग 23:04 – 24:25* अशुभ
शुभ 24:25* – 25:46* शुभ
अमृत 25:46* – 27:07* शुभ
चर 27:07* – 28:28* शुभ
रोग 28:28* – 29:49* अशुभ
💮होरा, दिन
शुक्र 05:48 – 06:54
बुध 06:54 – 08:00
चन्द्र 08:00 – 09:06
शनि 09:06 – 10:12
बृहस्पति 10:12 – 11:18
मंगल 11:18 – 12:24
सूर्य 12:24 – 13:31
शुक्र 13:31 – 14:37
बुध 14:37 – 15:43
चन्द्र 15:43 – 16:49
शनि 16:49 – 17:55
बृहस्पति 17:55 – 19:01
🚩होरा, रात
मंगल 19:01 – 19:55
सूर्य 19:55 – 20:49
शुक्र 20:49 – 21:43
बुध 21:43 – 22:37
चन्द्र 22:37 – 23:31
शनि 23:31 – 24:25
बृहस्पति 24:25* – 25:19
मंगल 25:19* – 26:13
सूर्य 26:13* – 27:07
शुक्र 27:07* – 28:01
बुध 28:01* – 28:55
चन्द्र 28:55* – 29:49
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
5 + 6 + 1 = 12 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
5 + 5+ 5 = 15 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*नाग पंचमी*
*अमरनाथ यात्रा प्रारम्भ*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
निविषेणापि सर्पेण कर्तव्या महती फणा ।
विषमस्तु न चाप्यस्तु घटाटोप भयंकरः ।।
।। चा o नी o।।
यदि नाग अपना फना खड़ा करे तो भले ही वह जहरीला ना हो तो भी उसका यह करना सामने वाले के मन में डर पैदा करने को पर्याप्त है. यहाँ यह बात कोई माइना नहीं रखती की वह जहरीला है की नहीं.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: अक्षरब्रह्मयोग अo-08
शुक्ल कृष्णे गती ह्येते जगतः शाश्वते मते ।,
एकया यात्यनावृत्ति मन्ययावर्तते पुनः ॥,
क्योंकि जगत के ये दो प्रकार के- शुक्ल और कृष्ण अर्थात देवयान और पितृयान मार्ग सनातन माने गए हैं।, इनमें एक द्वारा गया हुआ (अर्थात इसी अध्याय के श्लोक 24 के अनुसार अर्चिमार्ग से गया हुआ योगी।,)– जिससे वापस नहीं लौटना पड़ता, उस परमगति को प्राप्त होता है और दूसरे के द्वारा गया हुआ ( अर्थात इसी अध्याय के श्लोक 25 के अनुसार धूममार्ग से गया हुआ सकाम कर्मयोगी।,) फिर वापस आता है अर्थात् जन्म-मृत्यु को प्राप्त होता है॥,26॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। पारिवारिक उन्नति होगी। सुखद यात्रा के योग बनेंगे। स्वविवेक से कार्य करना लाभप्रद रहेगा।
🐂वृष
पुराना रोग उभर सकता है। शोक समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अधूरे कामों में गति आएगी। व्यावसायिक गोपनीयता भंग न करें। गीत-संगीत में रुचि बढ़ेगी। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
👫मिथुन
शत्रु सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य कमजोर होगा। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। बेरोजगारी दूर होगी। लाभ होगा। मान-प्रतिष्ठा में कमी आएगी। कामकाज में बाधाएं आ सकती हैं। कर्मचारियों पर व्यर्थ संदेह न करें। आर्थिक तंगी रहेगी।
🦀कर्क
यात्रा सफल रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय में उन्नति के योग हैं। वाणी पर संयम आवश्यक है। जीवनसाथी से मदद मिलेगी। सामाजिक यश-सम्मान बढ़ेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
🐅सिंह
पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। मान बढ़ेगा। स्वजनों से मेल-मिलाप होगा। नौकरी में ऐच्छिक पदोन्नति की संभावना है। किसी की आलोचना न करें। खानपान का ध्यान रखें। आर्थिक संपन्नता बढ़ेगी।
🙍♀️कन्या
रोजगार मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। व्यावसायिक समस्या का हल निकलेगा। नई योजना में लाभ की संभावना है। घर में मांगलिक आयोजन हो सकते हैं। जीवनसाथी से संबंध घनिष्ठ होंगे।
⚖️तुला
ऐश्वर्य पर व्यय होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। राजकीय कार्य में परिवर्तन के योग बनेंगे। आलस्य का परित्याग करें। आपके कामों की लोग प्रशंसा करेंगे। व्यापार लाभप्रद रहेगा। नई कार्ययोजना के योग प्रबल हैं।
🦂वृश्चिक
राजमान प्राप्त होगा। नए अनुबंध होंगे। नई योजना बनेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। कार्य में व्यय की अधिकता रहेगी। दांपत्य जीवन में भावनात्मक समस्याएँ रह सकती हैं। व्यापार में नए अनुबंध आज नहीं करें।
🏹धनु
पुराना रोग उभर सकता है। चोट व दुर्घटना से बचें। वस्तुएं संभालकर रखें। बाकी सामान्य रहेगा। व्यापार-व्यवसाय सामान्य रहेगा। दूरदर्शिता एवं बुद्धि चातुर्य से कठिनाइयां दूर होंगी। राज्य तथा व्यवसाय में सफलता मिलने के योग हैं। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी।
🐊मकर
पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। लाभ के अवसर मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। कुछ मानसिक अंतर्द्वंद्व पैदा होंगे। पारिवारिक उलझनों के कारण मानसिक कष्ट रहेगा। धैर्य एवं संयम रखकर काम करना होगा। यात्रा आज न करें।
🍯कुंभ
धनार्जन होगा। संतान के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। परिवार के सहयोग से दिन उत्साहपूर्ण व्यतीत होगा। योजनानुसार कार्य करने से लाभ की संभावना है। आर्थिक सुदृढ़ता रहेगी। बेचैनी रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी।
🐟मीन
लेन-देन में सावधानी रखें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रखें। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कानूनी मामले सुधरेंगे। धन का प्रबंध करने में कठिनाई आ सकती है। आहार की अनियमितता से बचें। व्यापार, नौकरी में उन्नति होगी।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*💐अहंकार – सबसे बड़ा शत्रु💐*
एक बार पवन देव को अपनी शक्ति पर अहंकार हो गया। वे अपनी शक्ति दिखाने सूर्य देव के पास पहुंचे।
सूर्य देव अनुभवी थे। उन्होंने कहा, “अच्छा, तुम्हें यदि शक्ति दिखानी है तो एक गरीब के कपड़े उतारकर दिखाओ।”
पवन देव बोले कि वे अपनी शक्ति से बड़े-बड़े पेड़ उखाड़ सकते हैं,
एक आदमी के कपड़े उतारना तो कुछ भी नहीं है।
तब सूर्य देव ने पवन देव को कड़कड़ाती ठंड में ठिठुरता एक आदमी तन्विक दिखाया और कहा कि वे उसके कपड़े उतरवाकर दिखाएं।
पवन देव ने धीरे-धीरे हवा की गति बढ़ानी शुरू की।
जैसे-जैसे हवा की गति बढ़ती जाती,तन्विक ठिठुरता हुआ अपने कपड़ों में ही और सिमटता जाता। जितनी तेज हवा चलती वह उतना ही अधिक सिमटता जाता।
यह देखकर सूर्य देव बोले, “देखो पवन देव, मैं जानता हूं, तुम उस तन्विक के कपड़े नहीं उतार सकते। अब देखो, यही काम मैं कैसे करता हूं।” ऐसा कहकर उन्होंने धीरे-धीरे अपना ताप बढ़ाना शुरू किया।
जैसे-जैसे गरमी बढ़ती गई तन्विक एक-एक कर अपने कपड़े उतारने लगा। कुछ ही देर में उसके शरीर पर सिवाय अधोवस्त्र के कोई और कपड़ा नहीं रह गया।
तब सूर्य देव ने पवन देव को कहा, “तुम्हारे पास शक्ति है, परंतु तुम्हारा अहंकार इसे कम कर देता है। अहंकार बुद्धि को भी नष्ट कर देता है। इसलिए पहले अहंकार से मुक्त होना सीखो।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*