
ऋषिकेश (देहरादून) | प्रसिद्ध राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क में पर्यटक 15 नवंबर से जंगल सफारी का रोमांचक अनुभव ले सकेंगे। पार्क प्रशासन ने सफारी सीजन की तैयारियां तेज कर दी हैं और पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पर्यटन व्यवसायी (सफारी वाहन स्वामी) 25 अक्तूबर तक आवेदन पत्र वेबसाइट या कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं, जबकि आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 अक्तूबर तय की गई है।
हर साल 15 नवंबर से 15 जून तक खुला रहता है पार्क
राजाजी टाइगर रिजर्व हर वर्ष 15 नवंबर से 15 जून तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। इस अवधि में देश-विदेश से बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंचते हैं। जंगल सफारी से पार्क प्रशासन को हर साल एक करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है।
मरम्मत और तैयारियों का काम जारी
पार्क के भीतर गेट और सड़कों की मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है। प्रशासन के अनुसार 31 अक्तूबर तक सभी सफारी ट्रैक तैयार कर लिए जाएंगे। इसके साथ ही पर्यटकों की सुविधा के लिए अन्य व्यवस्थाएं भी दुरुस्त की जा रही हैं।
राजाजी पार्क की विशेषता
राजाजी टाइगर रिजर्व एशियाई हाथियों और बाघों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां तेंदुआ, जंगली बिल्ली, हिमालयी काला भालू, स्लॉथ भालू, धारीदार लकड़बग्घा, सांभर, जंगली सुअर, चित्तीदार हिरण और बार्किंग हिरण सहित कई प्रजातियों के वन्यजीव पाए जाते हैं।
चार रेंजों में होती है जंगल सफारी
सफारी पार्क की चार रेंजों में संचालित की जाती है —
- चिल्लावाली रेंज (30 किमी)
- हरिद्वार रानीपुर रेंज (24 किमी)
- मोतीचूर रेंज (22 किमी)
- चीला रेंज (36 किमी)
इन रेंजों में करीब 160 से अधिक सफारी वाहन चलते हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर 200 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है।
पंजीकरण के लिए आवेदन राजाजी टाइगर रिजर्व की वेबसाइट rajjitigerreserve.uk.in या प्रधान कार्यालय से प्राप्त किए जा सकते हैं।