देहरादून। आमजन को ब्लैकमेल कर उनकी संपत्ति पर कब्जाकर अपने रिश्तेदारों व कुछ अधिकारियों के नाम करवाने वाले गैंगस्टर यशपाल तोमर सहित उसके दो अन्य सहयोगियों धीरज ठिगानी और गजेंद्र सिंह के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। करीब दो हजार पेजों की चार्जशीट में यशपाल तोमर का आपराधिक इतिहास भी बताया गया है।
जिसमें बताया गया है कि यशपाल किस तरह से रसूखदारों से मिलकर आमजन की जमीनों पर कब्जा कर लेता था। देखते ही देखते वह 300 करोड़ से अधिक की संपत्ति का मालिक भी बन बैठा। गैंगस्टर यशपाल तोमर का नाम वर्ष 2022 के दौरान प्रकाश में आया था। आरोपित यशपाल ने हरिद्वार के एक बड़े व्यापारी को उसकी संपत्ति पर कब्जा करने की धमकी दी। इस मामले में थाना ज्वालापुर (हरिद्वार) में मुकदमा दर्ज किया गया।
एसटीएफ ने जब इस संबंध में गोपनीय जांच की तो यशपाल तोमर की कहानी सामने आई। एसटीएफ ने जब कार्रवाई आगे बढ़ाई तो कई हैरान करने वाली घटनाएं सामने आईं। मूल रूप से ग्राम बरवाला थाना रमाला जिला बागपत निवासी यशपाल तोमर पेशे से किसान था। यशपाल और उसके पांच भाइयों के पास कुल नौ बीघा जमीन थी। इसके बाद यशपाल एक पुलिस अधिकारी के संपर्क में आया और जमीनों पर कब्जे करते हुए सफेदपोश शातिर अपराधी बन गया।
उत्तराखंड की एसटीएफ ने जब उसकी संपत्ति का आकलन किया तो वह 153 करोड़ रुपये की पाई गई। जांच में यशपाल पर दर्ज 28 मुकदमे ऐसे पाए गए जिनमें आरोपित ने आमजन को ब्लैकमेल करके उन पर दबाव बनाकर उनकी संपत्ति हड़प ली। पूरा चिट्ठा हासिल करने के बाद एसटीएफ ने गैंगस्टर यशपाल तोमर और उसके साथी गजेंद्र को 29 जनवरी 2022 को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि भूमाफिया यशपाल तोमर के खिलाफ हरिद्वार के ज्वालापुर कोतवाली में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसकी विवेचना एसटीएफ कर रही है। विवेचना के बाद एसटीएफ ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।
उसकी 153 करोड़ रुपये की संपत्ति का आकलन कर अटैच करने के लिए जिलाधिकारी हरिद्वार को रिपोर्ट भेजी गई है। यशपाल तोमर इस समय हरिद्वार जबकि धीरज ठिगानी मेरठ जेल में बंद है। तीसरा आरोपित गजेंद्र जमानत पर चल रहा है।