
बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सियासी माहौल गरमाने लगा है। कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार एनडीए सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि बिहार अब “क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया” बन गया है, जहां हर गली में डर और हर घर में बेचैनी है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बेरोज़गारी के चलते युवा अपराध की ओर धकेले जा रहे हैं और राज्य में गुंडा राज हावी है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं, जबकि भाजपा के मंत्री कमीशनखोरी में व्यस्त हैं। राहुल ने यह भी कहा कि इस बार वोट सिर्फ सरकार बदलने के लिए नहीं, बल्कि बिहार को बचाने के लिए होगा।
राज्य में पिछले कुछ दिनों में लगातार हो रही हत्याओं ने आमजन को दहशत में डाल दिया है। व्यवसायी गोपाल खेमका, भाजपा नेता सुरेंद्र कुमार, एक वृद्ध महिला, दुकानदार, वकील और शिक्षक सहित कई लोगों की हत्या से हालात और भयावह हो गए हैं।
राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से जून 2025 के बीच राज्य में औसतन हर महीने 229 हत्याएं दर्ज हुई हैं। कुल मिलाकर इस अवधि में 1,376 हत्या के मामले सामने आए। वर्ष 2024 में यह संख्या 2,786 और 2023 में 2,863 थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इन अपराधों के पीछे अवैध हथियारों और गोला-बारूद की आसान उपलब्धता प्रमुख कारण है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े भी बिहार में बढ़ते अपराधों की पुष्टि करते हैं। राज्य 2017, 2018, 2020 और 2022 में हिंसक अपराध दर के मामले में देशभर में दूसरे स्थान पर रहा है। पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने कहा कि अधिकतर हत्याओं की वजह भूमि विवाद और संपत्ति से जुड़े झगड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस की भूमिका घटना के बाद शुरू होती है, लेकिन अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी में पुलिस की सफलता दर 100 प्रतिशत है।
चुनावी माहौल में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है, और विपक्ष इसे सरकार के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। वहीं सरकार अपराध नियंत्रण को लेकर अपनी स्थिति को सही ठहराने की कोशिश में लगी है।