
देहरादून। प्रदेश में नकली और घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं के खिलाफ शनिवार से ऑपरेशन क्लीन अभियान की शुरुआत हो गई है। अभियान के तहत फार्मा कंपनियों, थोक व फुटकर विक्रेताओं की दुकानों का निरीक्षण कर दवाओं के नमूने जांच के लिए भेजे जाएंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने आठ सदस्यीय क्विक रिस्पांस टीम (QRT) गठित की है। टीम की अध्यक्षता सहायक औषधि नियंत्रक हेमंत सिंह नेगी कर रहे हैं।
अभियान का उद्देश्य
राज्य को नशामुक्त बनाते हुए गुणवत्ता युक्त दवाएं सुनिश्चित करना है। यह अभियान औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियम 1945 के तहत चलाया जाएगा। नकली, अधोमानक, मिसब्रांडेड और मादक दवाओं के निर्माण, भंडारण व विक्रय पर निगरानी रखकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भारत-नेपाल सीमा पर विशेष निगरानी
सीमावर्ती क्षेत्रों, विशेषकर भारत-नेपाल सीमा पर सघन जांच अभियान चलाया जाएगा ताकि अवैध दवाओं की आवाजाही पर रोक लगाई जा सके।
जिलों का वर्गीकरण
जिलों को दो श्रेणियों में बांटा गया है:
- श्रेणी-1: देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी
- श्रेणी-2: अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, चंपावत
हर सप्ताह प्राप्त नमूनों की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जाएगी।
जनता के लिए हेल्पलाइन
नकली दवाओं की जानकारी देने के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन 18001804246 जारी की गई है।