
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर क्वारब पुल के पास भूस्खलन और गिरते बोल्डरों की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। सुयाल नदी के तेज बहाव और लगातार हो रहे भू-कटाव ने सड़क यातायात को पूरी तरह बाधित कर दिया है। पैदल राहगीर यहां जान जोखिम में डालकर गुजरते हैं, जबकि सड़क खोलने का काम कर रहे जेसीबी ऑपरेटर, पुलिस और होमगार्ड के जवान अपनी जान हथेली पर रखकर ड्यूटी निभा रहे हैं।
हर मौसम में परेशानी
क्वारब के पास हल्की बारिश होने पर सड़क पूरी तरह कीचड़ से भर जाती है और धूप खिलते ही धूल का गुबार लोगों की मुश्किलें बढ़ा देता है। ऐसे में पैदल चलना बेहद कठिन हो जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यहां सुरक्षात्मक कार्य नहीं हुए तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
अतिरिक्त किराया और पैदल यात्रा
नथुवाखान और लोसगानी गांव के लोगों का मुख्य बाजार अल्मोड़ा है। पहले क्वारब तक पहुंचने का किराया 60 रुपये था, लेकिन अब 250 रुपये तक देना पड़ रहा है। वहीं, अल्मोड़ा पहुंचने के लिए करीब 13 किमी की दूरी पर 100 रुपये का किराया वसूला जा रहा है। वाहन उपलब्ध न होने पर ग्रामीणों को पैदल ही सफर करना पड़ रहा है।
डेढ़ साल से जारी संकट
लोगों का कहना है कि क्वारब की यह समस्या तब शुरू हुई जब सुयाल नदी पर पुल बनाने के लिए एनएच ने खोदाई की। अवैज्ञानिक तरीके से की गई इस खोदाई के कारण पिछले डेढ़ साल से लगातार भूस्खलन हो रहा है। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि पुल बनने से राहत मिलेगी, लेकिन स्थिति उलटी और गंभीर होती चली गई।
चारों जिलों की कनेक्टिविटी प्रभावित
क्वारब के बंद होने से अल्मोड़ा के अलावा नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले के लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। सर्वाधिक परेशानी पुल के पार बसे गांवों जैसे लोसगनी, नथुवाखान, चौंसली, करबला, लोधिया, देवली और लाट के निवासियों को झेलनी पड़ रही है।
लोगों की पीड़ा
- “क्वारब बंद होने से गिरते बोल्डरों के बीच कीचड़ पर जान बचाकर गुजरना पड़ता है।” – पान सिंह, लोसगनी गांव
- “सड़क बंद होने से हम बेहद परेशान रहते हैं। पैदल चलने पर हमेशा अनहोनी का खतरा बना रहता है। एनएच को स्थायी समाधान निकालना चाहिए।” – प्रताप सिंह, नथुवाखान गांव
मंत्री का बयान
इस मसले पर केंद्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री और अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा ने कहा –
“लगातार हो रही बारिश से क्वारब पर काफी मलबा आया है जिसे साफ कराया जा रहा है। ऊपरी हिस्से के ट्रीटमेंट के लिए 32 करोड़ और निचले हिस्से के लिए 15 करोड़ रुपये स्वीकृत कराए गए हैं। कार्य समय से पूरा हो इसके प्रयास किए जा रहे हैं ताकि लोगों को दिक्कत न हो।”