
अयोध्या : पवित्र नगरी में रविवार शाम दीपोत्सव के नौवें संस्करण के दौरान अद्भुत और ऐतिहासिक नजारा देखने को मिला। भगवान श्रीराम की पावन नगरी 26 लाख 17 हजार 215 दीपों की रौशनी से जगमगा उठी और एक नया विश्व रिकॉर्ड कायम हुआ। देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालुओं ने “श्रीराम जय राम जय जय राम” के जयकारों से सम्पूर्ण शहर को भक्तिमय बना दिया। सरयू तट पर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की, जबकि पूरी अयोध्या — मंदिरों, गलियों और घरों — में भक्ति की आभा बिखर गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने एक नहीं, बल्कि दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किए। पहला रिकॉर्ड पूरे शहर में 26 लाख से अधिक दीप जलाने का और दूसरा रिकॉर्ड 2,128 वेदाचार्यों व पुजारियों द्वारा एक साथ मां सरयू की आरती करने का रहा। दोनों रिकॉर्डों की पुष्टि ड्रोन के माध्यम से की गई और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों ने इसे प्रमाणित किया। इस विशाल आयोजन में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय और स्थानीय संस्थाओं के 32 हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री के आह्वान पर अयोध्या के घरों, मंदिरों, मठों और चौराहों पर दीप प्रज्वलित किए गए।
शाम का समापन रामकथा पार्क में हुए भव्य आरती समारोह से हुआ, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उनके मंत्रीमंडल के सदस्य और संत-महात्मा उपस्थित रहे। जैसे ही भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण पुष्पक विमान (हेलीकॉप्टर) से उतरे, मुख्यमंत्री ने स्वयं पवित्र रथ को खींचा। उस क्षण हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई और पूरा वातावरण भक्ति व गर्व से भर गया। उपस्थित भक्तों ने इस दृश्य को दिव्य और अविस्मरणीय बताते हुए कहा कि आज अयोध्या ने त्रेता युग की झलक पुनः जीवंत कर दी है।
इस अवसर पर महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. रामविलास वेदांती, राघवाचार्य महाराज, कमल नयन दास महाराज, संतोषाचार्य महाराज (सतुआ बाबा) सहित अनेक संत, महंत और गणमान्य लोग मौजूद थे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के पदाधिकारी, चंपत राय, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी तथा कई मंत्री भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम की भव्यता को और बढ़ाने के लिए रामायण के प्रसंगों पर आधारित 22 झांकियों और रूस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के कलाकारों के साथ 2,000 से अधिक भारतीय कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं। सड़कों को फूलों और रंगोली से सजाया गया था। रात में 1,100 स्वदेशी ड्रोन से बने आकाशीय प्रकाश शो ने भगवान राम के जीवन प्रसंगों को रोशनी के माध्यम से प्रस्तुत किया। यह दृश्य इतना भव्य था कि हजारों श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो उठे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने श्रीराम मंदिर में दर्शन किए, गर्भगृह में पूजा-अर्चना की और राम की पैड़ी पर आरती संपन्न की।अयोध्या का यह दीपोत्सव केवल दीपों की रोशनी का पर्व नहीं रहा, बल्कि यह सनातन संस्कृति की आस्था, एकता और गौरव का प्रतीक बनकर इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज हो गया।