देहरादून : भारत को वर्ष 2023 के लिये जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता मिली है। इसी क्रम में उच्च शिक्षा विभाग राज्य के 15 विश्वविद्यालयों में जी-20 की थीम से जुड़े विषयों पर सेमीनार आयोजित करेगा। इसके लिये कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल के कुलपति प्रो0 एन.के. जोशी को नोडल बनाया गया है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा में क्वालिटी एजुकेशन के लिये राज्य विश्वविद्यालयों को देश-विदेश के नामी विश्वविद्यालयों के साथ टीचिंग शेयरिंग के लिये अनुबंध करना होगा।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में उच्च शिक्षा विभाग की बैठक ली। डॉ0 रावत ने बताया कि वर्ष 2023 के लिये भारत को जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता का गौरव प्राप्त हुआ है। इसी क्रम में उत्तराखंड सहित देशभर के विभिन्न राज्यों में जी-20 की बैठकें आयोजित की जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग अपने राज्य के 15 राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों में जी-20 सम्मेलन से जुड़े विभिन्न विषयों पर सेमीनार आयोजित करेगा। जिसमें मुख्यमंत्री, सांसद, प्रभारी मंत्री, स्थानीय विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ही वैज्ञानिक, विषय विशेषज्ञ एवं शोध छात्र विशेष रूप से प्रतिभाग करेंगे।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एन.के. जोशी को नोडल नामित किया गया है, उनके साथ ही रूसा के सलाहकार प्रो. एम.एस.एम. रावत व संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. ए.एस. उनियाल भी संयुक्त रूप से कोर्डिनेट करेंगे। डॉ0 रावत ने बताया कि जी-20 की थीम के अंतर्गत 10 विषयों वैश्विक व्यापार, खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, डिजीटल कौशल, सतत् विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण तथा भ्रष्टाचार विरोध पर विश्वविद्यालयों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। जिसमें वैज्ञानिकों, विषय विशेषज्ञों एवं शोध छात्रों द्वारा उपरोक्त विषयों पर प्रस्तुतिकरण दिया जायेगा।
विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने उच्च शिक्षा में क्वालिटी एजुकेशन के मध्यनज़र देश-विदेश के 20 नामी विश्वविद्यालयों के साथ राज्य के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों का टीचिंग शेयरिंग अनुबंध कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में टीचिंग शेयरिंग अनुबंध होने से जहां विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा का आदान-प्रदान होगा वहीं इसका सीधा लाभ छात्र-छात्राओं को मिलेगा। विभागीय मंत्री ने प्रदेश में शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिये शासन एवं विश्वविद्यालय स्तर पर एक कमेटी गठित करने के भी निर्देश दिये। डॉ0 रावत ने कहा कि राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शीघ्र ही एक प्रदेश स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा, जिसमें केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी प्रतिभाग करेंगे।
सम्मेलन में संस्कृत विद्वानों के साथ ही प्रदेश के संस्कृत विद्यालय एवं महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आगामी शैक्षिक सत्र के लिये राज्य के तीन मॉडल महाविद्यालयों तथा एक मात्र व्यावसायिक महाविद्यालय में फैकल्टी सहित अन्य व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत वर्ष 2022-23 के लिये राज्य एवं अन्य मदों से प्राप्त धनराशि को शीघ्र खर्च करने के निर्देश दिये।बैठक में सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, सलाहकार रूसा प्रो. एम.एस.एम. रावत, प्रो. के.डी. पुरोहित, अपर सचिव प्रशांत आर्य, एम.एम. सेमवाल, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. जगदीश प्रसाद, संयुक्त निदेशक डॉ. ए.एस. उनियाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।