देहरादून। घटना मोहिनी रोड स्थित संजय कालोनी की है। यहां आरोपित राम सिंह ठाकुर (72 वर्ष), पत्नी उषा (55 वर्ष) और पोते आदित्य (16 वर्ष) के साथ रहता था। पुलिस के अनुसार, राम सिंह क्षेत्र में ही बंद टिक्की की ठेली लगाता था। उषा उसकी दूसरी पत्नी थी। सोमवार रात वह 10 बजे घर पहुंचा तो उषा सो रही थी। उसने खाना भी नहीं बनाया था।
देहरादून में पत्नी के खाना नहीं बनाने से गुस्साए 72 साल के बुजुर्ग ने उसके सिर पर क्रिकेट का बैट दे मारा। इससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई। आरोपित का प्रहार इतना तेज था कि महिला की चीख तक नहीं निकली। घटना के वक्त महिला सो रही थी। पुलिस के अनुसार, मृतका बदमाश करण शिवपुरी की मां थी, जो इस समय लूट के आरोप में जेल में बंद है।
मोर्चरी में शव रखकर घर आया, खाना बनाया और खाकर सो गया…
वहीं, आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटनास्थल से हत्या में प्रयुक्त बैट भी बरामद कर लिया गया है। हत्या की एक वजह दंपती के बीच चल रहे विवाद को भी माना जा रहा है। क्योंकि, आरोपित का कहना है कि वह पत्नी की मनमानी से तंग था। कुछ समय पहले उसने मकान का एक हिस्सा बेचा था, जिससे मिले रुपये पत्नी ने अपने बैंक खाते में जमा करा लिए थे। वह उसे कैंसर का उपचार भी नहीं कराने दे रही थी। इसको लेकर दोनों के बीच अक्सर विवाद होता था।
इससे राम सिंह क्रोध में आग-बबूला हो गया और पास ही रखे बैट से उषा के सिर पर वार कर दिया। बैट के प्रहार की आवाज सुनकर आदित्य जाग गया। उषा को लहूलुहान देखकर उसने चीख-पुकार मचाई तो पड़ोस में रहने वाले लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने एंबुलेंस बुलाकर उषा को कोरोनेशन अस्पताल भिजवाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आरोपित राम सिंह खुद उषा को अस्पताल लेकर गया था। उसने अस्पताल में चिकित्सकों को बताया कि पत्नी घर में गिर गई थी, जिससे सिर पर चोट आई है। उषा की मौत की पुष्टि होने के बाद उसने शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया और खुद घर आ गया। घर में उसने खाना बनाया और खाकर सो गया।
वहीं, अस्पताल में चिकित्सकों को शक हुआ तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मंगलवार को इंस्पेक्टर डालनवाला एनके भट्ट और एसएसआइ महादेव उनियाल टीम के साथ आरोपित के घर पहुंचे और पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक नगर सरिता डोबाल और पुलिस क्षेत्राधिकारी जूही मनराल ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया।
वर्ष 2019 में राम सिंह की किसी महिला के माध्यम से उषा देवी से मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों ने शादी कर ली। शादी के कुछ दिन बाद राम सिंह को पता चला कि उषा लूट की कई घटनाओं में आरोपित करण शिवपुरी की मां है। शादी के बाद वर्ष 2019 में ही करण एक बार राम सिंह से मिलने भी आया था। इसके बाद वह प्रेमनगर में गहने लूटने के मामले में जेल चला गया। चिकित्सकों ने उसे कीमोथेरेपी कराने की सलाह दी। कीमोथेरेपी कराने के चलते वह कई बार ठेली नहीं लगा पाता था। आरोपित ने बताया कि उषा इस कारण उसे कैंसर का उपचार (कीमोथेरेपी) नहीं कराने दे रही थी।