ऋषिकेश। गंगा नदी में राफ्टिंग के दौरान बीते मंगलवार को कोलकाता बंगाल के बुजुर्ग पर्यटक की मौत पहला मामला नहीं है जो जिला प्रशासन और विभाग के लिए सबक बन सके। इससे पहले भी भी हुए हादसों से जिम्मेदारों ने सबक नहीं लिया। मानकों के पालन के लिए प्रशासन उदासीन बना हुआ है। राफ्टिंग रूट पर खतरनाक रैपिड व अन्य स्थानों पर अब तक सीसीटीवी कैमरों को न लगाना विभाग और प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली दर्शाता है।
बीते मंगलवार को कोलकाता निवासी पर्यटक शुभशीष बर्मन राय (62 वर्ष) की शिवपुरी स्थित रोलर कोस्टर रैपिड में राफ्ट पलटने से मौत हो गई थी। इसके बाद पर्यटन विभाग ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की बात कही। गंगा नदी राफ्टिंग एसोसिएशन के तहत प्रशासन यहां राफ्टिंग का संचालन कराता है। एसोसिएशन के अध्यक्ष जिलाधिकारी टिहरी और सचिव जिला पर्यटन अधिकारी बनाए गए हैं।
तहसील प्रशासन, पुलिस प्रशासन और राफ्टिंग एसोसिएशन के प्रतिनिधि इसके सदस्य हैं। एसोसिएशन की मानीटरिंग धरातल पर कहीं नजर नहीं आती है। यही कारण है कि राफ्टिंग के दौरान लापरवाही की घटनाएं दुर्घटना के रूप में सामने आ रही हैं। पिछले कई वर्षों से शिवपुरी से लेकर राफ्टिंग एंडिंग प्वाइंट तक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने कही थी।
प्रत्येक राफ्ट के साथ एक कयाक और दो राफ्ट एक साथ रवाना करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को हादसे में पर्यटक की मौत के मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है।
राफ्टिंग के दौरान हुए प्रमुख हादसे
- 01 जनवरी 2019- ब्रह्मपुरी के समीप सर्फिंग प्वाइंट पर दिल्ली के पर्यटक 29 वर्षीय ऐश्वर्य प्रताप की मौत
- 21 सितंबर 2019- गोल्फकोर्स रेपिड पर राफ्ट पलटने से दिल्ली की युवती 25 वर्षीय दीपा विश्वकर्मा की मौत
- 11 सितंबर 2022- शिवपुरी के निकट रोलर कोस्टर रेपिड पर राफ्ट पलटने से कोलकाता निवासी 62 वर्षीय शुभशीष बनर्जी राय की मौत
- वर्ष 2019-20 में कोरोना महामारी के चलते राफ्टिंग सत्र बंद रहा।
- 16 किलोमीटर के सफर में चार रैपिड खतरनाक
- शिवपुरी से मुनिकीरेती तक राफ्टिंग का सफर करीब 16 किलोमीटर लंबा है। इस बीच 13 रैपिड आते हैं। इनमें चार रैपिड लेवल थ्री यानी खतरनाक माने जाते हैं। जिनमें द वाल, थ्री ब्लाइंड माईस, रोलर कोस्टर और गोल्फ कोर्स शामिल है।