सुनील कुमार माथुर
33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)
जीवन में नम्रता और विनम्रता का बडा ही महत्व है । जो व्यक्ति झुकना जानता है , वही महान व्यक्ति कहलाता है । जीवन में धैर्यवान बनें । सहनशील बनें शालीनता का व्यवहार करें । कम बोलें और अच्छा बोलें । मधुर बोले , मीठा बोलें । कभी भी किसी के साथ कटुता पूर्वक व्यवहार न करें । जीवन में हमेंशा अच्छा खाना ही खायें चूंकि जैसा होगा अन्न वैसा ही होगा मन ।
अतः अपना आचार – विचार शुध्द रखें । जीवन में हमेंशा अच्छा खाओं , पीओं , पहनों , अच्छा सोचे , अच्छा बोले , अच्छा लिखें एंव शालीनता के साथ रहे मन – मस्तिष्क में सदैव अच्छे विचारों का मंथन करें । सभी के साथ घुल मिलकर रहें । गंदी बातों और विचारों से दूर रहें । किसी भी प्रकार का नशा न करें एवं फूहड़ता से बचकर रहें ।
जीवन में शुद्धता को अपनाएं । अच्छे विचारों की गंगा बहाये । सदैव अच्छे विचारों की गंगा में डूबकी लगायें । जीवन में जहां एक और गंदे विचारों का त्याग करें वही दूसरी ओर हर वक्त न केवल अच्छे विचारों को ग्रृहण ही करे अपितु अपने जीवन में उन्हें आत्मसात भी करें । फलदार वृक्षों की तरह नम्र बने और वैसा ही नम्र व्यवहार करे ।
केवल लेना ही नहीं सीखे अपितु देना भी सीखे । नम्रता और विनम्रता सबसे श्रेष्ठ गुण है । जो इस गुण को जीवन में आत्मसात करता है वही महान कहलाता है । अतः चरित्रवान बनें । ज्ञानी बने । ममतामई , स्नेह मयी बनें । कभी भी जीवन में अपशब्दों का इस्तेमाल न करें । कोई ऐसा गलत कृत्य न करें कि बाद में माफी मांगनी पड़े । इसलिेए पहले से ही सोच समझ कर बोले या लिखे ।
जीवन में जो झुकना जानता है वही महान कहलाता है । चूंकि वह जानता हैं कि अकड में कुछ भी नहीं रखा है । अतः जीवन में झुकना सीखे । वही नम्रता और विनम्रता को अपनाना सीखे ।
Very nice
Nice
Nice article
Nice article
Nice article
Nice