देहरादून। जोशीमठ आपदा प्रभावित परिवारों को बिना काम किए मनरेगा से दिहाड़ी दी जाएगी। इसमें प्रत्येक परिवार से दो लोगों को दिहाड़ी मिलेगी, जिससे आजीविका चलती रहे। यह राशि तक तब मिलेगी, जब तक प्रभावित परिवार राहत शिविरों में रह रहे हैं। सरकार ने प्रभावित परिवारों के मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और पशुचारे का इंतजाम किया है। इसमें प्रति पशु 15 हजार रुपये की राशि दी जाएगी।
पशुचारे के लिए प्रतिदिन बड़े पशुओं को 80 रुपये प्रति और छोटे के लिए 45 रुपये प्रति पशु दिए जाएंगे। जोशीमठ में भू-धंसाव प्रभावित परिवारों की संख्या 760 से अधिक है। मकानों में दरारें पड़ने के बाद कई परिवार बेघर हो गए हैं। इसके साथ ही खेतीबाड़ी का काम भी बंद है। इसे देखते हुए सरकार ने प्रत्येक परिवार से दो लोगों को मनरेगा से दिहाड़ी देने का फैसला लिया है। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू होगी। राज्य में मनरेगा योजना के तहत 213 रुपये दिहाड़ी निर्धारित है।
केंद्र सरकार ने एसडीआरएफ के मानकों में यह व्यवस्था की है कि जिन परिवारों की आजीविका आपदा के कारण प्रभावित हुई है। उन परिवारों के दो वयस्क लोगों को मनरेगा के माध्यम से निर्धारित मजदूरी देकर राहत प्रदान की जाएगी। इन मानकों के आधार पर सरकार ने राहत शिविरों में रह रहे परिवारों को मनरेगा में बिना काम के निर्धारित मजदूरी देने का फैसला लिया है।