भराड़ीसैंण। सशक्त उत्तराखंड की ओर कदम बढ़ा रहे प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर वर्ष 2022-23 में 3.02 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। साथ ही राज्य की प्रति व्यक्ति आय भी 2,33000 हो गई है। एक साल में राज्य की प्रतिव्यक्ति आय में 10.05 प्रतिशत बढ़ोतरी आंकी गई है। राज्य की विकास दर भी बढ़कर 7.09 प्रतिशत हो गई है। यह खुलासा राज्य सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 से हुआ है। मंगलवार को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन पटल पर रिपोर्ट पेश की।
रिपोर्ट के अनुसार विकास दर और प्रति व्यक्ति आय के मामले में उत्तराखंड के आगे रहने का अनुमान है। भारतीय अर्थव्यवस्था में 2022 की विकास दर 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है। प्रचलित भाव पर देश की प्रति व्यक्ति आय 1,70,620 है। 2021-22 में भी उत्तराखंड प्रति व्यक्ति आय के मामले में पड़ोसी राज्य हिमाचल 201,854 अधिक अनुमानित की गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, देहरादून शहर में ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए 5990.08 करोड़ लागत से रिस्पना व बिंदाल नदी पर एलीवेटेड रोड बनाए जाएंगे। रिस्पना पर एलीवेटेड रोड पर 2515.33 करोड़ और बिंदाल नदी पर 3474.75 करोड़ रुपये खर्च प्रस्तावित है। इन दोनों परियोजनाओं का साध्यता कार्य पूरा हो गया है। अजबपुर से मोहकमपुर तक आरओबी बनाया जाना प्रस्तावित है। 69 करोड़ से ऋषिकेश में गंगा नदी पर लक्ष्मण झूला के विकल्प के तौर पर ग्लास फ्लोर सस्पेंशन पुल जुलाई 2023 तक पूरा हो जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन साल में 35074 घर बनाए जाने थे। इसमें से 31534 आवास स्वीकृत भी हुए। लेकिन 15264 घर ही बनाए जा सके। 19810 आवास अपूर्ण हैं। दिसंबर 2022 तक 18602 आवास के सापेक्ष 15357 आवास स्वीकृत हुए लेकिन एक भी पूरा नहीं हो पाया।
प्रदेश में 150 से 249 आबादी वाले 407 गांवों तक सड़क पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2900 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। इन गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए 3200 किमी. सड़क बनाया प्रस्तावित है। योजना के तीसरे चरण के तहत 2000 किमी. सड़क बनाई जानी है। 858 करोड़ की 1123 किमी. सड़कों की डीपीआर केंद्र को भेजी जा चुकी है। 877 किमी की डीपीआर तैयार है, जिसे राज्य तकनीकी एजेंसी को भेजा जा चुका है।
पर्यटन राज्य होने के नाते रिपोर्ट में ईको टूरिज्म को राज्य की आर्थिकी की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है, लेकिन साथ ही यह चिंता जताई गई है कि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना में 25.01 लाख के बजट का ही प्रावधान किया, जो योजना के महत्व देखते हुए कम है।
रिपोर्ट बताती है कि बढ़ती जनसंख्या से वनों पर भारी दबाव। शहरीकरण के कारण वन्यजीवों के वास स्थलों पर प्रभाव, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ीं। जलवायु परिवर्तन के कारण वनों में प्रजातियों पर प्रभाव तथा जल स्रोतों की कमी। ग्लेशियरों का पिघलना और आपदा से भूस्खलन के कारण वनों को नुकसान।
प्रदेश में वर्ष 2022-23 में हुए खेल महाकुंभ में तीन लाख खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। इसके लिए न्याय पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर पर प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। आर्थिक सर्वेक्षण की 2022-23 की रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए करीब 9.96 करोड़ धनराशि अवमुक्त हई। इसमें से करीब 5.26 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक पीआरडी जवानों को दोबारा 15 दिवसीय अर्द्ध सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद इन्हें जनोपयोगी कार्य, निर्वाचन कार्य, धार्मिक पर्वों, यात्रा सीजन, मेला एवं आपदा प्रबंधन आदि कार्यों में डयूटी उपलब्ध कराकर रोजगार प्रदान किया जाएगा। इस योजना के लिए वर्ष 2022-23 में 9.95 लाख की धनराशि स्वीकृत है। इसके तहत 173 स्वयं सेवकों को प्रशिक्षण दिया जाना है।