देहरादून। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में बाघों के शिकार का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की विंग वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) ने उत्तराखंड समेत देशभर में स्थित टाइगर रिजर्व को इस संबंध में रेड अलर्ट जारी किया है।
बताया जा रहा है कि डब्ल्यूसीसीबी को बाघों के शिकार से संबंधित कुछ इनपुट मिले हैं, जिसके आधार पर यह अलर्ट जारी किया गया है। देशभर में स्थित बाघ अभ्यारण्य में मानसून सीजन के दौरान वन्यजीवों के शिकार की घटनाएं बढ़ जाती हैं। बीते कुछ माह में दो राज्यों में बाघों के शिकार से संबंधित मामले उजागर हो चुके हैं। डब्ल्यूसीसीबी की ओर से इस तरह के अलर्ट तभी जारी किए जाते हैं, जब उसे शिकारियों के ग्रुप के सक्रिय होने की जानकारी मिलती है।
इस संबंध में डब्ल्यूसीसीबी के अतिरिक्त निदेशक एचवी गिरिशा की ओर से रेड अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड में स्थित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक धीरज पांडेय और राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक साकेत बडोला ने केंद्रीय एजेंसी की ओर से रेड अलर्ट जारी किए जाने की पुष्टि की है।
इसमें कहा गया है कि डब्ल्यूसीसीबी को विश्वसनीय सूत्रों से शिकारियों के सक्रिय होने के कुछ इनपुट मिले हैं। हालिया घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए सभी टाइगर रिजर्व के फील्ड निदेशकों और बाघ अभयारण्यों के बाहरी क्षेत्रों में कार्यरत अधिकारियों को सचेत रहने की आवश्यकता है। विभिन्न टाइगर रिजर्व के आसपास संगठित शिकार गिरोह सक्रिय हो सकते हैं।
टाइगर रिजर्व के निदेशकों और संबंधित फिल्ड अधिकारियों को तत्काल गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। चिन्हित संवेदनशील क्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान चलाने, तंबुओं इत्यादि में रह रहे लोगों का सत्यापन करने, मंदिरों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों, परित्यक्त इमारतों, सार्वजनिक आश्रय स्थलों में संदिग्ध खानाबदोश लोगों की जांच करने को कहा गया है। इस काम में स्थानीय पुलिस थानों की मदद लेने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तराखंड में स्थित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, राजाजी टाइगर रिजर्व के अलावा सतपुड़ा, ताडोबा, पेंच, अमानगढ़, पीलीभीत, वाल्मिकी, बालाघाट, गढ़चिरौली, चंद्रपुर जैसे टाइगर रिजर्व में रेड अलर्ट जारी किया गया है। कुमाऊं के रामनगर स्थित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में शिकारियों के फंदे में फंसी बाघिन की अभी तक सर्जरी नहीं हो पाई है। तार अब भी बाघिन के पेट में धंसा है, हालांकि उसकी हालत स्थित है।
करीब दो माह पहले यह बाघिन कैमरा ट्रैप में कैद हुई थी। इसके बाद पार्क प्रशासन ने बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू सेंटर में रख दिया था। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के स्तर से बाघिन की सर्जरी के संबंध में पशु चिकित्सकों का एक दल बनाया गया था। ताकि बाघिन की सर्जरी के संबंध में फैसला लिया जा सके। कॉर्बेट के निदेशक धीरज पांडेय ने बताया कि वह चिकित्सकों के दल का इंतजार कर रहे हैं। दल में देशभर के विशेषज्ञ शामिल हैं।