देहरादून। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आज बुधवार को राजभवन में उत्तराखंड की उन बहादुर बेटियों को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सम्मानित करेंगे, जिन्होंने जान की परवाह किए बिना साहस का परिचय देते हुए गुलदार से अपनों की जान बचाई। इसके बाद उत्तराखंड बाल कल्याण परिषद ने इन बेटियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
उत्तराखंड में एक नहीं कई ऐसे बहादुर बच्चे हैं, जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर दूसरों की जान बचाई है, लेकिन इन बच्चों के अंतिम तिथि तक जिलों से आवेदन न भेजने से इन्हें इस बार राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार नहीं मिल पाया। बहादुर बेटियों की खबर प्रकाशित होने के बाद प्रदेश सरकार की ओर से इनको पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गया है।
देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखा है। डीएम ने पत्र में कहा कि खबर का संज्ञान लेते हुए राज्य की बहादुर बालिकाओं को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। सहसपुर शंकरपुर की महमुदपुर बस्ती में छह मई 2023 को आठ साल की नाजिया ने गुलदार से तीन भाइयों को बचाया था।
उस शाम परिजन खेत में काम करने गए थे। चचेरे भाई अहसान, नसीम, नदीम और वसीम आंगन में खेल रहे थे। सभी की उम्र चार से आठ साल के बीच थी। इस दौरान गुलदार आ गया। इस पर नाजिया ने वसीम, नदीम और नसीम को एक-एक कर अंदर खींच लिया, जबकि गुलदार अहसान को उठा ले गया था।
25 सितंबर 2023 को पौड़ी गढ़वाल की 10 वर्षीय आराधना अपने सात वर्षीय छोटे भाई प्रिंस के साथ बरामदे में पढ़ रही थी। तभी गुलदार प्रिंस पर झपटा, लेकिन आराधना इससे घबराई नहीं, बल्कि भाई को बचाने के लिए गुलदार से भिड़ गई। उसने मेज गुलदार की ओर फेंककर भाई को अंदर धकेल दिया और जोर-जोर से चिल्लाने लगी, जिससे गुलदार भाग गया।