देहरादून। प्रदेश के दो लाख से अधिक बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को पिछले तीन महीने से पेंशन नहीं मिली है। यह हाल तब है जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को हर महीने पेंशनरों को पेंशन देने के निर्देश दिए हैं। समाज कल्याण विभाग के निदेशक आशीष भटगाई के मुताबिक केंद्र सरकार का अंश न मिलने से इसमें देरी हुई है। प्रयास किया जा रहा है कि जल्द पेंशन जारी की जाए।
समाज कल्याण विभाग की ओर से विधवा, दिव्यांग और वृद्धावस्था समेत कई तरह की पेंशन दी जाती है। पूर्व में हर तीन महीने में पेंशन दी जाती थी, लेकिन इस साल राज्य सरकार की ओर से निर्णय लिया गया कि पेंशन हर महीने दी जाएगी। सीएम के निर्देश के बावजूद राज्य में दो लाख से अधिक पेंशनर हर महीने खाते में पेंशन न आने से बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं। बंजारावाला देहरादून निवासी कुछ बुजुर्ग महिलाओं के मुताबिक फरवरी महीने की पेंशन उनके खाते में एक मार्च को आई है।
इसके बाद से वह पेंशन के लिए लगातार बैंकों के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन पेंशन नहीं मिली। कुछ यही हाल अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल समेत विभिन्न जिलों की वृद्ध महिलाओं का है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत 60 से 79 वर्ष आयु वर्ग के बीपीएल श्रेणी के वृद्धजनों को केंद्र सरकार 200 रुपये एवं 80 व इससे अधिक आयुवर्ग को 500 रुपये देती है। केंद्र से केंद्र के अंश के रूप में यह धनराशि मिलती है। जिसमें राज्यांश जोड़कर पेंशन दी जाती है। इस बार केंद्र का अंश मिलने में देरी हुई है।
प्रदेश के 197019 लाभार्थियों को वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिली। इसमें अल्मोड़ा जिले में 25232, बागेश्वर में 8818, चमोली में 10002, चंपावत में 8262, देहरादून में 21787, हरिद्वार में 22937, नैनीताल में 14062, पौड़ी गढ़वाल में 14786, पिथौरागढ़ में 13125, रुद्रप्रयाग में 7540, टिहरी गढ़वाल में 20431, ऊधमसिंह नगर में 20060 एवं उत्तरकाशी में 9977 वृद्धों को पेंशन का इंतजार है।
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत प्रदेश में 29057 विधवा और 3514 दिव्यांगों को भी समय पर पेंशन नहीं मिली। सहायक समाज कल्याण अधिकारी संघ की प्रदेश अध्यक्ष मीनाक्षी उपाध्याय के मुताबिक केंद्र के अंश के रूप में बजट की दिक्कत की वजह से समस्या बनी है। विभाग को जल्द समस्या दूर कर लाभार्थियों को पेंशन जारी करनी चाहिए।