
देहरादून। न्यू हिन्दुस्तान बेव न्यूज पोर्टल के संपादक अनिल कुमार कक्कड़ का मोबाईल फोन गुम हो गया था। जिसकी गुम होने की रिपोर्ट साईबर सेल थाना प्रभारी गिरीश चन्द्र कों दिनांक 25 फरवरी 2025 को दी गई थी, साथ ही थाना रायपुर में भी मोबाईल गुम होने की रिपोर्ट लिखाई गई थी। हैरान कर देने वाली बात है कि पुलिस विभाग ने साईबर धोखाधड़ी से लोगों को बचाने के लिए तवरित कार्रवाई के उद्देश्य से अलग साईबर थाना बनाया गया था।
लेकिन हैरान कर देने वाली बात है कि मेरे द्वारा अपने गुम हुए फोन की जानकारी साईबर थानाध्यक्ष से मांगी तो उनका जवाब था कि फोन सर्विलांस पर लगा है पता चलते ही आपको सूचित किया जायेगा। इसी बीच तत्परता दिखाते हुए थाना रायपुर के पुलिस कर्मी पंकज ढ़ौढ़ियाल भी फोन की सुरागकशी मे लगे थे। उन्होंने साईबर सेल को धता बताते हुए दिनांक 6 मार्च 2025 को मेरे फोन को ट्रेस करते हुए फोन को हल्दौर जिला बिजनौर में होने की सूचना मुझे दी।
साथ ही बहुत तत्परता से थाना हल्दौर से संपर्क साधा जहां पर मुस्तैद एचएम क्राईम हरेंद्र सिंह वैधवान ने चीता पुलिस को भेेजकर मोबाईल प्राप्त कर मुझ तक पहुचा दिया। अफसोस की बात है कि फोन प्राप्त होने के बाद जब मैंने सिम डालकर अपने फोन के अनब्लाक होने का इंतजार करने के दौरान साईबर थानाध्यक्ष से अपने फोन के बारे में पूछा तो उनका वहीं पुराना जवाब था कि फोन सर्विलोस में लगा है पता चलते ही बता दिया जायेगा।
अब सवाल ये खड़ा होता है कि आजकल जैसे साईबर अटैक और डिजिटल अरेस्ट के केस आये दिन होते हैं तो ऐसे में साईबर पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान खड़ा होने लगा है। अनिल कक्कड़ ने थाना रायपुर के पुलिस कर्मी पंकज ढ़ौढ़ियाल की तत्परता पर प्रोत्साहित करने की बात कही है।