
नई दिल्ली: छठ पूजा की तैयारियाँ पूरे देश में ज़ोरों पर हैं और इसी के साथ भारतीय रेलवे भी यात्रियों की भारी आवाजाही को देखते हुए पूरी तरह सतर्क हो गया है। सूर्य देव को समर्पित यह लोकपर्व बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों लोग अपने घरों की ओर लौट रहे हैं ताकि परिवार के साथ छठ पर्व मना सकें। आने-जाने वाले यात्रियों की इस भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने पहले से ही व्यापक तैयारियाँ शुरू कर दी हैं, खासकर बिहार में पूर्व मध्य रेलवे (ECR) ज़ोन के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों पर।
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष यात्री यातायात में पिछले वर्षों की तुलना में लगभग दोगुनी वृद्धि होने की संभावना है। यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और सुचारू आवागमन सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने बताया कि रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि हर यात्री अपने गंतव्य तक सुरक्षित और आसानी से पहुँच सके। उन्होंने कहा कि इस बार रेलवे केवल ट्रेनों की संख्या बढ़ाने पर ही नहीं, बल्कि उनके संचालन और निगरानी प्रणाली को भी बेहतर बनाने पर ध्यान दे रहा है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
सिंह ने बताया कि इस बार छठ विशेष ट्रेनों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। जहाँ पिछले वर्ष लगभग 7,500 विशेष ट्रेनें संचालित की गई थीं, वहीं इस बार यह संख्या बढ़ाकर 12,000 कर दी गई है। इससे यह स्पष्ट है कि रेलवे ने त्योहारी सीजन में यात्रियों के आवागमन के पैमाने को भांपते हुए पहले से ही योजनाबद्ध कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि असली चुनौती तब सामने आएगी जब छठ पूजा के बाद लोग अपने कार्यस्थलों पर वापस लौटना शुरू करेंगे। “आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में लोग बिहार की ओर प्रस्थान करेंगे। हमने उनके स्वागत और यात्रा के लिए पूरी व्यवस्था कर ली है। लेकिन जब ये सभी लोग त्योहार के बाद वापस लौटेंगे, तब रेल नेटवर्क पर दबाव सबसे अधिक होगा। हम इसके लिए भी पूरी तरह तैयार हैं,” उन्होंने कहा।
रेलवे प्रशासन ने बुनियादी ढाँचे और निगरानी प्रणाली को भी मज़बूत किया है। सभी प्रमुख टर्मिनलों पर अस्थायी होल्डिंग एरिया बनाए जा रहे हैं ताकि यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने बताया कि इन होल्डिंग क्षेत्रों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और इसके बाद पूर्व मध्य रेलवे एक “ड्रेस रिहर्सल” के ज़रिए व्यवस्थाओं की जांच करेगा। उन्होंने कहा कि पाटलिपुत्र रेल परिसर से एक केंद्रीकृत निगरानी केंद्र स्थापित किया गया है, जहाँ से सभी प्रमुख स्टेशनों पर यातायात की स्थिति पर रीयल-टाइम नज़र रखी जाएगी।
इसके साथ ही मंडल कार्यालयों में भी नियंत्रण केंद्र बनाए गए हैं, जो स्थानीय स्तर पर भीड़ और ट्रेनों के संचालन की स्थिति पर लगातार नजर रखेंगे। रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर बिना आरक्षण वाले यात्रियों की संख्या बहुत अधिक हो जाती है, तो प्रमुख स्टेशनों से अतिरिक्त “अघोषित” ट्रेनों को चलाया जाएगा ताकि किसी भी यात्री को असुविधा न हो।
त्योहारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा इंतज़ामों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रेलवे पुलिस बल (RPF) और सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) को अलर्ट पर रखा गया है। प्लेटफार्म, टिकट काउंटर और एंट्री पॉइंट्स पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जा रही है। इसके अलावा, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ाई गई है और संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था भी की जा रही है।
महाप्रबंधक सिंह ने कहा कि रेलवे कर्मचारियों को यात्रियों की सहायता के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। सभी ज़ोनल और मंडलीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि यात्रियों को टिकटिंग, प्लेटफार्म परिवर्तन, और सूचना प्रणाली से संबंधित किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य यह है कि छठ पूजा के दौरान हर यात्री का अनुभव सुरक्षित, सुविधाजनक और सुखद रहे। यह न केवल रेलवे की जिम्मेदारी है, बल्कि हमारी सामाजिक प्रतिबद्धता भी है।”
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस बार यात्रा की चरम भीड़ 5 से 12 नवंबर के बीच रहने की संभावना है, जब अधिकतर लोग बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर प्रस्थान करेंगे। वहीं, 13 से 17 नवंबर के बीच लोगों के लौटने का दौर शुरू होगा। इस दौरान स्टेशनों पर अस्थायी चिकित्सा शिविर, पानी और भोजन की व्यवस्था, और यात्रियों के लिए सहायता डेस्क भी स्थापित किए जाएंगे।
भारतीय रेलवे ने इस वर्ष छठ पूजा के अवसर पर अपनी तैयारियों को और अधिक सशक्त बनाते हुए यह सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है कि हर व्यक्ति अपने घर तक सुरक्षित पहुंचे और त्योहार का उल्लास बिना किसी बाधा के मना सके। यात्रियों की बढ़ती संख्या के बीच रेलवे की यह सक्रियता और योजनाबद्ध व्यवस्था देश के सबसे बड़े लोकपर्वों में से एक को सफल और सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।