देवभूमि में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ने से रोकने के लिए भीड़ एकत्र न हो इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। इसी कड़ी में में मुख्य सचिव डॉ0एसएस संधु ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को ये अधिकार दे दिए हैं कि कोरोना के मामले बढ़ने पर वे अपने स्तर पर नाइट कर्फ्यू, ज्यादा भीड़ जुटने पर प्रतिबंध, विवाह और अंत्येष्टि में लोगों की संख्या सीमित करने जैसे सख्त कदम उठा सकते हैं।
लेकिन इन सबके बीच एक सबसे बड़ा सवाल ये उठ खड़ा होता है कि क्या विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सरकार सियासी रैलियों और जनसभाओं पर भी रोक लगाएगी ? राजनीतिक दल भी इसके लिए तैयार होंगे या नहीं आपको बता दें कि कोरोना वायरस के नये वेरिऐंट ओमीक्रोन की लहर से प्रदेश में एक बार फिर चिंता का माहौल है। किसी भी बुरी स्थिति से निपटने के लिए सरकार अलर्ट मोड में नजर आती दिख रही है।
इसके चलते नाइट कर्फ्यू और भीड़ प्रबंधन समेत कई कदम उठाए जाने लगे हैं। लेकिन सबसे बड़ा खतरा चुनावी दौर में होने वाले राजनीतिक कार्यक्रमों को लेकर है। चुनावी रैलियों.और सभाओं में हजारों लोगों की भीड़ जमा होने से संक्रमण का खतरा और भी बढ़ जाता है। आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी,उत्तराखंड क्रांति दल, बहुजन समाज पार्टी समेत तमाम दल इस वक्त काफी सक्रिय हैं।