देहरादून / विधान सभा चुनाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग भी कमर कसके तैयारियों में जुट गया है। आपको बता दें आयोग संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों को चिह्नित कर इनकी सूची तैयार कर रहा है। हालांकि,संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों का चयन प्रत्याशियों की घोषणा के बाद भी किया जाएगा।
चुनाव में पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशन में मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों का चयन करता है। इनका चयन क्षेत्र, आपराधिक इतिहास, सांप्रदायिक दंगों का इतिहास, पुराने बूथ कैपचरिंग के मामलों के आधार पर किया जाता है।
लब्बोलुआव यह कि चुनाव निर्बाध तरीके से संपन्न कराये जा सकें। उत्तराखण्ड में साल 2017 में हुए चुनाव में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने संवेदनशील विधानसभा भी चिह्नित की थीं। इस चुनाव में मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने 43 विधानसभा क्षेत्रों को संवेदनशील माना था। इन क्षेत्रों के 1985 बूथ संवेदनशील व अति संवेदनशील बूथ के रूप में चिह्नित किए गए थे। इसमें 685 अति संवेदनशील और 1300 केंद्र संवेदनशील श्रेणी में रखे गए थे। इन सभी केंद्रों में सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए थे।