
अल्मोड़ा। धौलादेवी विकासखंड के दन्या क्षेत्र में स्थित प्राचीन सैम मंदिर अब जल्द ही नए स्वरूप में नजर आएगा। इस मंदिर का कायाकल्प प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर की तर्ज पर नागर शैली में किया जाएगा। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखने वाले इस मंदिर को सरकार ने धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।
एक करोड़ रुपये से होगा कायाकल्प
मंदिर के पुनर्निर्माण और विकास कार्य पर लगभग एक करोड़ रुपये की लागत आएगी। सिंचाई विभाग को इस परियोजना की जिम्मेदारी दी गई है और शासन से विभाग को 60 लाख रुपये की पहली किस्त भी जारी हो चुकी है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद मंदिर संरक्षण और निर्माण का कार्य शुरू होगा।
पुराना ढांचा ढहा दिया गया था
करीब 20 वर्ष पूर्व स्थानीय लोगों ने चंदा इकट्ठा कर मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू किया था। हालांकि निर्माण के दौरान मंदिर की संरचना को लेकर कई लोगों ने आपत्ति जताई थी। कमजोर ढांचे के कारण विवाद खड़ा हुआ और अंततः करीब छह महीने पहले मंदिर का पुराना ढांचा ढहा दिया गया।
अब सरकार ने लिया जिम्मा
अब इस प्राचीन मंदिर के संरक्षण और पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग को सौंपी गई है। विभाग मंदिर को न केवल नागर शैली में पुनर्निर्मित करेगा, बल्कि इसे एक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेगा। इसके तहत पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाओं का विस्तार भी किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में पर्यटन कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल
स्थानीय जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सैम मंदिर के जीर्णोद्धार की घोषणा की थी। यह घोषणा अब धरातल पर उतर रही है। इससे न केवल मंदिर का संरक्षण और धार्मिक महत्व का पुनर्स्थापन होगा बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे।
अधिकारियों का क्या कहना है
“दन्या सैम मंदिर को नागर शैली में तैयार किया जाएगा। शासन से निर्माण कार्य के लिए 60 लाख रुपये की पहली किस्त जारी हो चुकी है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही मंदिर को संरक्षित करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।”