
देहरादून । देहरादून के सहस्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से मची तबाही का बेहद दर्दनाक चित्र प्रस्तुत करती है। मजाडा, चामासारी और जमाडा गांव के लोगों को आधी रात को नींद से जागकर, चीख-पुकार और खतरे के बीच अपने बच्चों को लेकर घर छोड़कर भागना पड़ा।
मलबे में घर और राशन बह जाने से छोटे बच्चों को पाँच घंटे तक दूध तक नसीब नहीं हुआ। महिलाएँ और परिवारजन जख्मी पहाड़ों के बीच टॉर्च और सीटी की मदद से एक-दूसरे को सुरक्षित स्थान की ओर बुलाते रहे। लगातार बिजली की गर्जना और भारी बारिश के बीच पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ था।
भूखे बच्चे रास्ते भर दूध के लिए रोते-बिलखते रहे और परिवारजन उन्हें गोद में उठाए कठिन पहाड़ी रास्तों से गुजरते रहे। आखिरकार घंटों की मशक्कत के बाद लोग सहस्रधारा तक पहुँच पाए।